बंद करें पाक की सहायता

अमेरिका में 9/11 का हमला हुआ था तो तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इराक और अफगानिस्तान पर धावा बोल दिया

बंद करें पाक की सहायता

आतंकवाद की अंतरराष्ट्रीय राजधानी पाकिस्तान है

भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन नेता निक्की हेली का यह बयान इस्लामाबाद और बीजिंग की नींद उड़ा सकता है कि अगर वे अमेरिका की सत्ता में आईं तो उन देशों को मिलने वाली आर्थिक सहायता को पूरी तरह से बंद कर देंगी, जो अमेरिका से नफरत करते हैं ... मजबूत अमेरिका 'बुरे लोगों' को रकम नहीं दे सकता। 

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निक्की दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रह चुकी हैं। वे साल 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी की दौड़ में हैं। निक्की अमेरिका की विदेश नीति को भलीभांति जानती हैं। वे इससे भी परिचित हैं कि अमेरिका ने विभिन्न अवसरों पर पाकिस्तान को जो आर्थिक सहायता दी, उसका उपयोग कहां किया गया। 

हालांकि इस बात की उम्मीद कम ही है कि अमेरिका का वर्तमान या भावी राष्ट्रपति पाकिस्तान के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करेगा। जब अमेरिका में 9/11 का हमला हुआ था तो तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इराक और अफगानिस्तान पर धावा बोल दिया, लेकिन हमले का मास्टर माइंड ओसामा-बिन लादेन मई 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में मिला और अमेरिकी बलों द्वारा ढेर किया गया। अमेरिकी एजेंसियां इतने सालों तक जिसे अफगानिस्तान की पहाड़ियों में ढूंढ़ती रहीं, वह पाकिस्तान में फौज और आईएसआई की छत्रछाया में बैठा था। 

अगर अमेरिका समय रहते पाकिस्तान को केंद्र में रखते हुए आतंकवाद के खिलाफ युद्ध शुरू करता तो उसे बहुत पहले सफलता मिल जाती। आतंकवाद की अंतरराष्ट्रीय राजधानी पाकिस्तान है। अमेरिका को चाहिए था कि इसके खिलाफ सख्ती बरतता, आर्थिक पाबंदियां लगाता और पीओके समेत जहां-जहां आतंकवादी कैंप चल रहे हैं, उन पर हवाई हमले करता।

अमेरिका में किसी भी पार्टी की सत्ता रही हो, उसके हुक्मरान अपने फायदे के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल करते रहे हैं। वे इसके बदले उसे समय-समय पर आर्थिक व सैन्य सहायता देते रहते हैं। वे यह अच्छी तरह जानते हैं कि पाकिस्तान इसका उपयोग भारत के खिलाफ करेगा। 

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की जो आग पाकिस्तान ने लगाई थी, उसके मूल में अमेरिकी डॉलर है। फरवरी 2019 में भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाक ने तेवर दिखाने की कोशिश की तो भारत के विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 बाइसन से पाक के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। इस पड़ोसी देश को यह विमान अमेरिका ने 'आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई' के लिए दिया था। उसने इसका उपयोग भारत के खिलाफ किया था। 

सितंबर 2022 में जब अमेरिका ने पाकिस्तान के लिए अपने एफ-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव कार्यक्रम का विस्तार करने की बात कही थी तो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि 'आप ये बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।' उन्हीं के शब्दों में- 'किसी के लिए यह कहना कि मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि यह सब आतंकवाद विरोधी सामग्री है और इसलिए जब आप एफ-16 की क्षमता वाले विमान की बात कर रहे हैं, जहां हर कोई जानता है, तो आप जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है और उनका उपयोग क्या है।' 

जाहिर है कि अमेरिका भारत से मैत्री का दिखावा करता है और पाकिस्तान को सहायता देता रहता है। भले ही निक्की हेली यह कहें कि उनका देश 'बुरे लोगों' को रकम नहीं दे सकता, लेकिन अमेरिकी खजाने का एक बड़ा हिस्सा पूर्व में इस्लामाबाद होते हुए बीजिंग पहुंचा था। 

पाकिस्तान पर चीन का भारी-भरकम कर्ज है, जिसे वह अमेरिका से मिली सहायता से चुकाता रहता है। इसलिए अमेरिका जो डॉलर इस्लामाबाद भेजेगा, वे वॉशिंगटन डीसी के खिलाफ इस्तेमाल होंगे। पाकिस्तान को दी जाने वाली किसी भी तरह की आर्थिक व सैन्य सहायता पर प्रतिबंध लगाना ही उचित है।

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