विदेश का मोह छोड़ें
हमें अपने देश को सुंदर और बेहतर बनाना चाहिए
अगर भारत के लोग ठान लें तो यह देश, दुनिया में सबसे ज्यादा समृद्ध और संपन्न बन सकता है
अमेरिकी अधिकारियों ने 30 से भी ज्यादा सालों तक उनके देश में रहने वाली एक 73-वर्षीया सिक्ख महिला को जिस तरह हिरासत में लेकर भारत भेजा, वह काफी अपमानजनक है। उन बुजुर्ग महिला को न तो अपने रिश्तेदारों को अलविदा कहने का मौका दिया गया और न ही उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विमान में उचित सुविधाएं दी गईं। हां, एक अधिकारी ने इतनी दया जरूर दिखाई कि जब उसका सहकर्मी हथकड़ी लगा रहा था तो उसने महिला की उम्र का लिहाज करते हुए ऐसा न करने के लिए कहा। हर साल कई भारतीय नागरिक दुनिया के विभिन्न देशों में अपमानजनक बर्ताव का सामना करते हैं। कई लोग अवैध तरीके से उन देशों में दाखिल होते समय पकड़े जाते हैं, जिनके बारे में यहां ऐसा प्रचार कर दिया गया है कि वे तो स्वर्ग हैं! वहीं, कई लोग अवैध तरीके से रहते या काम करते हुए धर लिए जाते हैं। इस मामले में अमेरिका का रुख बहुत सख्त होता जा रहा है। उसने जनवरी से अब तक 2,400 से ज्यादा भारतीयों को निर्वासित किया है। किसी भी देश में उसके कानून का उल्लंघन करते हुए दाखिल होना, रहना और काम करना अपराध होता है। ऐसी गतिविधियों से दूर रहना चाहिए। जो लोग विदेशों में इस तरह पकड़े और निकाले जाते हैं, वे घोर अपमान का सामना करते हैं। इससे अपने देश की छवि पर गलत असर पड़ता है। लोगों ने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के बारे में यह गलत धारणा बना रखी है कि एक बार वहां दाखिल होने की जरूरत है, उसके बाद ज़िंदगी में कोई समस्या ही नहीं होगी!
इन देशों का मोह छोड़ना चाहिए। हमें अपने देश को सुंदर और बेहतर बनाना चाहिए। क्या नहीं है इस देश के पास? विशाल भूभाग, बड़ा बाजार, हर तरह के मौसम, हजारों खानपान, भरपूर फसलें, विविधतापूर्ण संस्कृति और चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था ...। बस कमी है तो इच्छाशक्ति की। अगर भारत के लोग ठान लें तो यह देश, दुनिया में सबसे ज्यादा समृद्ध और संपन्न बन सकता है। विदेश में 'मान न मान, मैं तेरा मेहमान' की तरह आचरण करने के बजाय भारत में मेहनत करें, भारत को संवारें। भले ही हमारे देश की व्यवस्थाओं में कुछ दिक्कतें हैं, लेकिन यहां कोई व्यक्ति सूझबूझ से काम करे तो अपने क्षेत्र में उन्नति कर सकता है। देश में ऐसे हजारों उदाहरण मिल जाएंगे, जब लोगों ने बहुत अभावों में पलकर भी बुलंदियां हासिल कीं। भारत में अपने खेत, मकान, दुकान, जेवर आदि बेचकर अवैध तरीके से विदेश जाने वाले लोगों को वहां भयंकर मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। उनका बहुत शोषण होता है। पकड़े जाने पर उस देश के अधिकारी बुरा बर्ताव करते हैं। जो लोग शुरुआती वर्षों में नहीं पकड़े जाते, वे यह सोचकर थोड़े लापरवाह हो जाते हैं कि अब हमारा बाल भी बांका नहीं होगा। दुर्भाग्य से, वे किसी दिन पकड़ लिए जाते हैं तो उनकी जमा-पूंजी वहीं रह जाती है। कई लोगों ने ऐसे आरोप लगाए हैं कि हमारी कमाई वहां के अधिकारी ही ले उड़े! जब इतनी दुर्दशा होती है तो उन देशों में रहना ही क्यों है? भारत में कोई व्यक्ति स्वरोजगार करेगा तो अपनी कमाई से चैन की नींद सोएगा। अमेरिका में अवैध प्रवासियों के ठिकानों पर रात को छापे मारे जाते हैं। वहां लाखों रुपए कमाकर भी चैन की नींद नहीं आएगी। अगर दशकों बाद भी पकड़े गए तो वापस रवाना कर दिए जाएंगे। उस समय कोई अधिकारी हथकड़ी न लगाए तो इसे उसकी मेहरबानी समझें।

