लालू परिवार से ही चल रहा मीडिया का रोजगार : तेजस्वी

लालू परिवार से ही चल रहा मीडिया का रोजगार : तेजस्वी

पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने मीडिया को अपने पिता के खिलाफ दुष्प्रचार से बाज आने की नसीहत देते हुए गुरुवार को कहा कि लालू परिवार के कारण ही मीडिया के वर्ग का रोजगार चल रहा है। यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ’’मेरी दिल की बात’’ श्रृंखला के तहत ’’लालू परिवार और मीडिया का रोजगार’’ शीर्षक से लिखे पोस्ट में कहा, ‘लालूजी और उनके परिवार से मीडिया घरानों एवं उनके ’’कॉरपोरेट’’ कर्मियों का विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। यह उसी प्रकार का लगाव है जिस तरह का भाजपा का लालू जी से। दुःखती नब़्ज वाला अहसास! ना पसन्द किया जाय और ना ऩजरअंदा़ज किया जाय! सौतेला व्यवहार बताना, इसे कमतर करने के बराबर माना जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने मीडिया पर तंज कसते हुए कहा, बिहार में ना जाने कितने पत्रकारों की नौकरी लालूजी के नाम पर चल रही है? लगभग चार दशक से लालूजी राष्ट्रीय राजनीति के म़जबूत स्तम्भों में से एक रहे हैं और यह बात किसी को पसन्द हो या ना हो लेकिन देश की राजनीति में वह निर्विवाद रूप से शीर्षतम नेता बने हुए हैं। चाहे केंद्र या राज्य में सत्ता से दूर रहे या हिस्सा बने रहे लेकिन प्रासंगिकता और प्रसिद्धि में कभी कोई कमी नहीं आई। कभी उन्हें ग्वाला तो कभी चुटीले और म़जाि़कया अंदा़ज के लिए मसखरा बताया गया। इसपर भी जब दिल ना भरा तो हर छोटी-मोटी असफलता पर राजनैतिक अंत की गाथा सुना दी गई। पर हर बार पूर्वाग्रह पीि़डतों को खून का घूंट पीना प़डा। कभी रेल मंत्री के कार्यकाल से आलोचकों को पानी भरने पर मजबूर किया तो बार-बार दर्ज की गई अपनी वापसी से विरोधियों को सकते में डाल दिया। ब़डे-ब़डे भाजपाई तुर्रम खान उनके समर्थन और जनाधार पर सेंध मारने का सपना संजोते रह गए लेकिन हर बार मुंह की खाई।यादव ने आगे लिखा, सामाजिक न्याय के अपने संघर्ष से जिस ऐतिहासिक सामाजिक बदलाव की उन्होंने नींव रखी, वह क्रांतिकारी थी। समाज के ब़डे लेकिन दबे वर्ग का शांतिपूर्ण ढंग से जागरण अपने आप में एक उपलब्धि है। लेकिन, हर उल्लेखनीय उपलब्धि और कार्यों को छुपा पर नकारात्मक पहलू कहीं से भी सामने कर देने की कवायद भाजपा समर्थित मीडिया खूब पहचानता है। लालूजी सच्चे गौ पालक हैं, गौ सेवक हैं। लेकिन, दूसरों को इसी बात पर महिमामंडित करने वाली मीडिया ने कभी लालूजी की इस बात पर प्रकाश नहीं डाला। शायद गौ पालक वर्ग से आने वाले इस नेता की संभ्रांत वर्ग के राजनीतिक ग़ढ में बहुसंख्यक समर्थन से उथल पुथल मचा देना आज भी लोग पचा नहीं पाए हैं।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के ब़डे नेता लाल कृष्ण आडवाणी के रथ को रोककर देश को साम्प्रदायिक आग से बचाने वाले इस नायक को कभी अपेक्षित श्रेय नहीं मिला। लालूजी सच्चे उपासक हैं और अत्यंत धार्मिक भी। हर पर्व, त्योहार को पूरी श्रद्धा से मनाते हैं। कभी उन्हें एक सच्चे धार्मिक हिन्दू की छवि से नहीं नवा़जा गया।

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