बेंगलूरु/ दक्षिण भारतकर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष और राज्य के नए उप मुख्यमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने दावा किया है कि राज्य की गठबंधन सरकार अपने पांच वर्षों का कार्यकल पूरा करेगी। क्योंकि इस गठबंधन के भागीदारों कांग्रेस और जनता दल (एस) के नेताओं के बीच पूर्ण सहमति की स्थिति बनी हुई है। वहीं, उन्होंने इस प्रश्न के उत्तर में कोई साफ उत्तर नहीं दिया कि क्या कांग्रेस ने जनता दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी को पूरे पांच वर्षों तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका देने का मन बना लिया है? गुरुवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में परमेश्वर ने कहा कि गठबंधन की भागीदार सियासी पार्टियां काफी करीबी सहयोग से काम-काज कर रही हैं। जल्दी ही शासने के काम-काज की सुविधा के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया जाएगा। यह सरकार कांग्रेस और जनता दल (एस) के बीच हुए सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) के आधार पर काम करेगी। उन्होंने कहा, ’’दोनों पार्टियों ने चुनाव के पूर्व अलग-अलग घोषणापत्र जारी किए थे लेकिन दोनों पार्टियां आपस में बैठकर तय करेंगे कि इनके वादों में से सबसे महत्वपूर्ण वादे कौन से हैं और सरकार पहले उन्हीं वादों को समयबद्ध तरीके से निभाने के लिए काम करेगी।’’·र्ैंय्ैंख्श्नष्ठफ् ·र्ैंह् ्यद्बध्ष्ठ ःद्भय्ख्रय् प्ह्ट्टउन्होंने भाजपा के इस दावे को खारिज कर दिया कि इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में जनादेश कांग्रेस के खिलाफ था क्योंकि इसने वर्ष २०१३ के चुनाव में १२२ सीटें जीती थीं और अब उसे सिर्फ ७८ सीटों पर जीत नसीब हुई है। इस तर्क को परे खिसकाते हुए परमेश्वर ने कहा, ’’इस चुनाव में भाजपा को ३६ प्रतिशत मत हासिल करने में सफलता मिली है, जबकि कांग्रेस का मत प्रतिशत उससे अधिक रहा है। इसे ३८.४ प्रतिशत मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया है, जो वर्ष २०१३ के चुनाव से अधिक है। इसे कांग्रेस की हार के रूप में नहीं देखा जा सकता है।’’ उन्होंने इसके साथ ही दावा किया कि राज्य मंत्रिमंडल में कांग्रेस को बांटे गए स्थानों पर पार्टी को किसी प्रकार की अपत्ति या कोई असंतोष नहीं है। बहरहाल, उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ कांग्रेस विधायकों ने मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की उम्मीद संजो रखी थी। उन्हें जरूर पदों के आवंटन से नाराजगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के पास कई उच्च क्षमता वाले नेता मौजूद हैं्। यह पार्टी के लिए धरोहर सरीखे लोग हैं्। परमेश्वर ने बताया कि कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार शुक्रवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। इसके बाद ही राज्य में मंत्रिमंडल के गठन की कवायद शुरू की जा सकेगी। मंत्रियों के पदों के बारे में फिलहाल कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस हाईकमान इस विषय में अंतिम निर्णय लेंगे।द्नय्ज्झ्य् ·र्ैंह् ज्द्मत्रय् द्मष्ठ द्म·र्ैंय्द्यय् परमेश्वर ने दावा किया कि कर्नाटक की जनता ने वर्ष २००८-१३ तक भाजपा के कार्यकाल के बाद भाजपा को दोबारा नकार दिया है। क्योंकि उस कार्यकाल के दोरान भाजपा की सरकार तमाम भ्रष्टाचारों में लिप्त रही थी। साथ ही राज्य के लोगों को कुशासन का सामना करना प़डा था। उस दौरान राज्य में कोई भी महत्वपूर्ण परियोजना क्रियान्वित नहीं की गई थी। यही वजह है कि जनता दल (एस) और कांग्रेस ने राज्य को सुशासन देने के एजेंडे पर साथ आकर असंवैधानिक ढंग से सत्ता ह़डपने की कोशिश कर रही भाजपा को शिकस्त दे दी। राज्य विधानसभा के अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। अब यह जरूरी हो गया है कि अध्यक्ष के पद पर आसीन होने वाले व्यक्ति के पक्ष और विपक्ष में मतदान हो। इस बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में परमेश्वर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद गैर राजनीतिक होता है। उन्होंने भाजपा से अपील की कि वह इस पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी रमेश कुमार को अपना समर्थन दें ताकि मतदान की नौबत ही न आ सके। पत्रकारों के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में परमेश्वर ने यह स्पष्ट किया कि उप मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए वह केपीसीसी के अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करेंगे क्योंकि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उप मुख्यमंत्री के रूप में वह पार्टी संगठन के काम में पूरा वक्त नहीं दे सकेंगे। वहीं, पार्टी हाईकमान ने अब तक केपीसीसी अध्यक्ष पद के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। वह हाईकमान का निर्देश मिलने तक दोनों पदों पर बने रहेंगे।