बबीता फोगाट के चुनावी ‘दंगल’ में उतरने से दादरी सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
बबीता फोगाट के चुनावी ‘दंगल’ में उतरने से दादरी सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
चरखी दादरी/भाषा। दादरी विधानसभा सीट पर पहलवान बबीता फोगाट के चुनावी ‘दंगल’ में उतरने से लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है जहां पिछले चार चुनावों में कोई भी पार्टी लगातार नहीं जीती है। भाजपा उम्मीदवार बबीता जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के सतपाल सांगवान और कांग्रेस के नृपेंद्र सिंह जैसे कद्दावर नेताओं के खिलाफ मैदान में है। ये दोनों ही नेता पूर्व में दादरी सीट पर दो हजार से कम मतों के अंतराल से विजयी हो चुके हैं।
बबीता फोगाट ‘दंगल’ फिल्म के बाद देश के हर घर का जाना-पहचाना नाम बन गई थीं। यह फिल्म उनके पिता एवं जाने-माने कुश्ती कोच महावीर फोगाट तथा उनकी बहन गीता के संघर्ष के बारे में है। राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता बबीता जब चुनाव प्रचार पर निकलती हैं तो गांवों में उनका जोरदार स्वागत होता है। उनका कहना है, जब-जब मैं पदक लेकर घर लौटी तो मुझे यहां बहुत अधिक प्यार और सम्मान मिला तथा इससे मुझे प्रेरणा मिली कि मैं और अधिक समर्पण के साथ अगली पारी में जाऊं।वे भीड़ से कहती हैं, अब जब मैं राजनीति के दंगल में आ गई हूं तो मुझे उसी तरह के प्यार और समर्थन की जरूरत है।अख्तियारपुर गांव में महिलाओं ने बबीता का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें मालाएं पहनाईं। इन महिलाओं में बड़ी संख्या में बुजुर्ग महिलाएं थीं। बबीता राजनीति में भले ही नई हैं, लेकिन वह कहती हैं कि राजनीति उनके परिवार का हिस्सा रही है। उनकी मां और चाचा ग्राम प्रधान रह चुके हैं।
उन्होंने कहा, राजनीति लोगों की सेवा का माध्यम है। जब मैं लोगों के बीच जाती हूं ऐसा कुछ नहीं लगता कि मैं नई हूं। यदि आप ईमानदारी से कठिन परिश्रम करें तो लोग आपका समर्थन करेंगे। वे कहती हैं, यहां हर कोई मुझसे अपनी पुत्री जैसा व्यवहार करता है और इससे मैं अभिभूत हूं। बबीता भाजपा द्वारा इस बार के विधानसभा चुनाव मैदान में उतारे गए तीन खिलाड़ियों में शामिल हैं। पार्टी ने पहलवान योगेश्वर दत्त को सोनीपत की बड़ौदा सीट से तथा पूर्व हॉकी कप्तान संदीप सिंह को कुरुक्षेत्र की पिहोवा सीट से उम्मीदवार बनाया है।
अर्जुन पुरस्कार विजेता का कहना है कि खेलों की तरह वे राजनीति में भी अच्छा करेंगी और इस क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने के लिए प्रेरित करेंगी। बबीता केंद्र की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी पहलों की सराहना करती हैं और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी प्रशंसक हैं। उनका कहना है कि मोदी ने उन्हें पार्टी से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। वे भाजपा की विचारधारा और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने जैसे साहसिक निर्णयों से प्रभावित हैं।
दादरी विधानसभा सीट से कुल 17 उम्मीदवार मैदान में हैं। चरखी दादरी को मनोहर लाल खट्टर सरकार ने राज्य का 22वां जिला बनाया था। बबीता को चुनौती देने वालों में सोमबीर भी शामिल हैं जो पिछली बार बहुत कम मतों से हार गए थे। भाजपा द्वारा इस बार टिकट न दिए जाने पर वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य प्रतिद्वंद्वी सतपाल सांगवान कांग्रेस द्वारा दादरी से टिकट न दिए जाने पर जेजेपी में शामिल हो गए थे। मौजूदा विधायक राजदीप फोगाट ने भी पाला बदल लिया। वे पिछली बार इनेलो के टिकट पर निर्वाचित हुए थे, लेकिन पिछले साल जेजेपी में शामिल हो गए।