'मानसिक समस्याओं को कम करने में संगीत व नाद की महत्त्वपूर्ण भूमिका'

जीतो नार्थ की महिलाओं ने आयोजित की साउंड थेरेपी

'मानसिक समस्याओं को कम करने में संगीत व नाद की महत्त्वपूर्ण भूमिका'

शिल्पी दास ने ध्वनि चिकित्सा के लाभ और  विज्ञान के बारे में बताया

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। जीतो चैप्टर नॉर्थ के अंतर्गत जीतो लेडीज विंग द्वारा अध्यक्ष बिन्दु रायसोनी के नेतृत्व में आयोजित ’हीलिंग वेव्स-डाइव इंटू साउंड थेरेपी’ कार्यशाला का आयोजन किया गया| 

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इस मौके पर ड्रम्स इवेंट इंडिया के संस्थापक एवं प्रशिक्षक शैमरॉक ने मल्टीडाइमेंशनल म्यूजिक थेरेपी, हीलिंग विद वॉइस, बाय न्यूरल साउंड थेरेपी, साइकोजयोमेट्रिक म्यूजिक, नॉर्डऑफ-रॉबिन्स, हीलिंग विथ सिंगिंग बाउल, सोनिक एक्यूपंक्चर, ब्रेनवेव इनट्रेनमेंट आदि थेरेपी का प्रशिक्षण दिया| 

उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा में विभिन्न नाद सुनकर, गाने के साथ गुनगुनाकर, संगीत की धुन पर झूमकर, मेडिटेशन, म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट बजाकर अनेक मानसिक बीमारियों से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है|

सह-प्रशिक्षक एवं संस्थापक ट्रस्टी शिल्पी दास ने ध्वनि चिकित्सा के लाभ और  विज्ञान के बारे में बताया तथा विभिन्न प्रकार के उपकरणों के माध्यम से व्यायाम, शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने, मन को शांत करने और आत्मा को जागृत करने का अभ्यास करवाया| 

पूर्व में फ़ेस योगी विशेषज्ञ मीनाक्षी जैन ने प्राथमिक योग क्रिया का अभ्यास करवाया| अध्यक्ष बिन्दु रायसोनी ने सभी का स्वागत किया| सह-संयोजिका तनुजा मेहता ने दोनों प्रशिक्षकों का परिचय दिया|

 प्रतिभागी लक्ष्मी बाफ़ना, अनीता जैन, कविता जैन, सोनिया ने अनुभव साझा किए। सीमा जैन, पूर्वी दसानी ने व्यवस्था में सहयोग किया| महामंत्री सुमन वेदमुथा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया| इस मौके पर उपाध्यक्ष लक्ष्मी बाफ़ना, कार्यसमिति सदस्य मनीषा डोशी उपस्थित थीं| कार्यशाला का संचालन संयोजिका सुष्मिता सेठिया ने किया|

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