
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद: महाराष्ट्र के मंत्री पाटिल, देसाई 3 दिसंबर को बेलगाम जाएंगे
कानूनी टीम के साथ समन्वय करने के लिए पाटिल और देसाई को सीमा विवाद के वास्ते समन्वय मंत्री बनाया गया है
पाटिल ने कहा कि मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से सीमा मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की गई थी
मुंबई/दक्षिण भारत/भाषा। महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई तीन दिसंबर को बेलगाम में मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और कर्नाटक के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद पर उनसे बातचीत करेंगे।
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर अदालती मामले के संबंध में कानूनी टीम के साथ समन्वय करने के लिए पाटिल और देसाई को सीमा विवाद के वास्ते समन्वय मंत्री बनाया गया है।
पाटिल ने ट्विटर पर कहा कि मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति की ओर से सीमा मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की गई थी। मंत्री ने समिति के एक पत्र के साथ ट्वीट किया, ‘इसके अनुसार समन्वय मंत्री शंभुराज देसाई और मैं तीन दिसंबर को बेलगाम का दौरा करेंगे और चर्चा करेंगे। चलिए मुलाकात करते हैं। चर्चा से निश्चित रूप से एक रास्ता निकलेगा।’
हाल के एक सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, मंत्री उस समिति के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदार होंगे जो कर्नाटक में मराठी भाषी क्षेत्रों का राज्य के साथ विलय चाहती हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि पाटिल और देसाई कर्नाटक के उन 865 गांवों के निवासियों की समस्याओं पर भी गौर करेंगे।
पाटिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं, जबकि देसाई शिवसेना के बालासाहेबंची शिवसेना गुट के सदस्य हैं। दोनों पश्चिमी महाराष्ट्र के निवासी हैं। महाराष्ट्र 1960 में अपनी स्थापना के बाद से, कर्नाटक के साथ बेलगाम (जिसे बेलगावी भी कहा जाता है) जिले और 80 अन्य मराठी भाषी गांवों को लेकर विवाद में उलझा हुआ है। बेलगाम और ये गांव कर्नाटक में हैं।
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