द्रमुक, अन्नाद्रमुक या कोई और, तमिलनाडु शहरी निकाय चुनाव में किसका बजेगा डंका?
तमिलनाडु में 19 फरवरी को हुए शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में 60.70 प्रतिशत मतदान हुआ
चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु में 19 फरवरी को हुए शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव में 60.70 प्रतिशत मतदान हुआ है। तमिलनाडु राज्य चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, जिन 21 निगमों में मतदान हुआ, उनमें से ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन में सबसे कम 43.59 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, करूर में अधिकतम 75.84 प्रतिशत मतदान हुआ।
राज्य में 21 निगमों, 138 नगर पालिकाओं, 490 नगर पंचायतों और 649 शहरी स्थानीय निकायों में 12,838 सीटों के लिए एक चरण में चुनाव संपन्न हुआ था। इस दौरान कई निर्दलीय उम्मीदवारों सहित कुल 74,416 उम्मीदवार मैदान में थे।आयोग ने कहा कि नगर पालिकाओं में धर्मपुरी में 81.37 प्रतिशत और नीलगिरि में सबसे कम 59.98 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल मिलाकर, नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में क्रमश: 74.68 प्रतिशत और 68.22 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि अत्यधिक शहरीकृत निगमों में 52.22 प्रतिशत कम मतदान हुआ।
शनिवार को नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में जहां मतदान में तेजी रही, वहीं निगमों में सुस्ती दिखाई दी। मदुरै में 52.73 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि तिरुपुर जिले में कुल 60.66 प्रतिशत और कोयंबटूर निगम में 55.81 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का 22 फरवरी को पता चलेगा जब आयोग द्वारा 268 केंद्रों पर मतों की गिनती कराई जाएगी। तमिलनाडु में स्थानीय निकाय चुनाव एक दशक से अधिक समय के बाद हुए हैं। पिछली बार चुनाव 2011 में हुए थे जब राज्य में अन्नाद्रमुक सत्ता में थी।
इनका कहना है
तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक सी. सिलेंद्र बाबू ने कहा कि कुछ मामूली घटनाओं को छोड़कर मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण था। गश्त और पुलिस टीमों ने चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद की। न केवल बूथों पर, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी कैमरे लगाए गए थे।
उन्होंने कहा कि पिछले शहरी चुनावों में राज्य में छह हत्याएं हुई थीं। इस तरह यह चुनाव तुलनात्मक रूप से काफी शांतिपूर्ण रहा।
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