बेंगलूरु/दक्षिण भारत पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) सुप्रीमो एचडी देवेगौ़डा ने स्पष्ट कर दिया है कि बुधवार को बनने जा रही राज्य की नई गठबंधन सरकार के निर्माण या इसकी नीतियों में उनका किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। वह न तो नई सरकार के गठन में कोई भूमिका निभा रहे हैं, न ही इसकी नीतियों पर वह अपना नजरिया थोंपने की कोशिश करेंगे। उनके पुत्र एचडी कुमारस्वामी बुधवार को कांग्रेस के सहयोग से राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं्। उनके शपथ ग्रहण समारोह के लिए विधानसौधा के सामने एक भव्य समारोह की तैयारी की जा रही है, जिसमें शामिल होने के लिए जनता दल (एस) ने देश भर की क्षेत्रीय पार्टियों के कद्दावर नेताओं के साथ ही कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और मौजूदा अध्यक्ष राहुल गांधी को आमंत्रित किया है। शपथ ग्रहण समारोह की पूर्व संध्या पर मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में देवेगौ़डा ने कहा कि हाल के दिनों में मीडिया के एक ब़डे हिस्से में लगातार इस आशय के कयास लगाए जाते रहे हैं कि वह (देवेगौ़डा) पर्दे के पीछे से अपने पुत्र कुमारस्वामी के काम-काज में दखल दे सकते हैं्। ऐसे कयासों को खारिज करते हुए देवेगौ़डा ने आश्वासन देने के अंदाज में कहा कि उनकी राज्य मंत्रिमंंडल के गठन में किसी प्रकार की भूमिका नहीं होगी। गठबंधन सरकार बनाने के पीछे भी उनका हाथ नहीं रहा है। यह सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियों के निर्णयों में भी उन्होंने कोई भूमिका नहीं निभाई है। गौरतलब है कि वर्ष २००६ के विधानसभा चुनाव के बाद बनी कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन की सरकार से समर्थन वापस लेकर भाजपा के साथ संयुक्त सरकार बनाने वाले कुमारस्वामी से देवेगौ़डा बेहद नाराज हो गए थे। उन्होंने उस सरकार पर विश्वास नहीं होने का संकेत देते हुए कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर कहा था कि राज्य की जनता के हितों की रक्षा करने के लिए वह सरकार के हर कदम पर करीबी निगाह रखेंगे। उन्होंने कई बार तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के विभिन्न निर्णयों के खिलाफ अपना वजन भी झोंका था।
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