कोर्ट ने दी थी सुलह की सलाह तो दिखाई अकड़, अब केजरीवाल ने मांगी माफी

कोर्ट ने दी थी सुलह की सलाह तो दिखाई अकड़, अब केजरीवाल ने मांगी माफी

नई दिल्ली। इन दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल खुद ही बार-बार अपनी फजीहत करवा रहे हैं। पिछले दिनों अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के बाद अब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय स़डक परिवहन, बंदरगाह एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से माफी मांग ली है। यह वही केजरीवाल हैं जिन्हें साढे तीन वर्ष पूर्व कोर्ट ने कहा था कि वह नितिन गडकरी से सुलह कर लंे लेकिन उस समय इन्होंने कहा था कि उनके पास दस्तावेजी सबूत हैं और वह आखिरी दम तक मुकदमा ल़डेंगे।अब इस मामले से छुटकारा पाने के लिए केजरीवाल ने खुद ही पहल की है और गडकरी को माफीनामा भेजा जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी ओर से तथ्यों की जांच किए बिना गडकरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए। पत्र में केजरीवाल ने कहा है कि मेरी आपसे कोई निजी दुश्मनी नहीं है। आरोपों को लेकर मुझे खेद है और मैं चाहता हूं कि मेरे खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले को वापस ले लिया जाए। इस माफीनामे के बाद केजरीवाल और गडकरी दोनों ने कोर्ट को एक साझा हलफनामा सौंपकर मामले को वापस लेने की बात कही है।केजरीवाल और मीडिया के बीच कानूनी जंग वर्ष २०१४ में ३० जून को छि़डी थी जब केजरीवाल ने मीडिया के सामने देश के भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी की थी। इस सूची मेें भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी का नाम भी था। केजरीवाल ने गडकरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे जिसके बाद गडकरी ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था। गडकरी ने न्यायालय को बताया था कि ईमानदारी उनकी राजनीतिक शक्ति है और उनकी प्रतिष्ठा उनकी पूंजी है और झूठे बेबुनियाद आरोप लगाकर केजरीवाल ने उनकी मानहानि की है। जब यह मामला सुनवाई के लिए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा के समक्ष आया तो उन्होंने केजरीवाल और गडकरी के साथ बैठकर आपस में बातचीत कर सौहार्दपूर्ण ढंग से मामला सुलझा लेने का सुझाव दिया था। मजिस्ट्रेट ने दोनों नेताओं से कहा था कि वह सार्थक चीजों में समय क्यों नहीं लगाते? इसके साथ ही उन्होंने गडकरी और केजरीवाल को कोर्ट के समक्ष हाथ मिलाकर आपसी बैर भाव भुला देने का भी सुझाव दिया था। मजिस्ट्रेट मनोचा ने केजरीवाल और गडकरी से कहा था कि आप दोनों जाने-माने नेता हैं और लोग आपसे उम्मीद रखते हैं, आप सुलह के जरिए मामले का सौहार्दपूर्ण हल क्यों नहीं निकालते?इस सुझाव के बाद गडकरी ने कहा था कि यदि केजरीचान अपना बयान वापस ले लेते हैं तो वह कोर्ट से अपनी शिकायत वापस लेने के लिए तैयार हैं नहीं तो वह तब तक कानूनी ल़डाई जारी रखेंगे जब तक कि केजरीवाल अपने आरोप साबित नहीं करते। हालांकि केजरीवाल ने कोर्ट की नसीहत ठुकराते हुए कहा था कि उनके पास गडकरी के खिलाफ पुख्ता दस्तावेजी सबूत हैं और वह मुकदमा ल़डेंगे। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल द्वारा अपनी जिद पर अ़डे रहने और सुलह करने से इंकार करने के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने भारतीय अपराध संहिता की धारा २५१ के तहत केजरीवाल के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया था। इसी मामले मंे न्यायालय के निर्देशानुसार मुचलका भरने से इंकार करने के कारण केजरीवाल को जेल भी भेज दिया गया था और अंतत: जब उन्होंने मुचलका भरा तो ही उनकी रिहाई संभव हो पाई थी।

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