संजय चंद्रा को फिर नहीं मिली अंतरिम जमानत

संजय चंद्रा को फिर नहीं मिली अंतरिम जमानत

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने यूनीटेक के प्रोमोटर संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को एक बार फिर इन्कार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जेल से बाहर आने के लिए उन्हें अपनी कुछ निश्चित राशि जमा करानी होगी।

चंद्रा के वकील ने दलील दी कि न्यायालय में पहले ही 130 करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं। इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि इस मामले में कम से कम 1000 करोड़ रुपए जमा होने चाहिए।

चंद्रा बंधुओं- संजय एवं अजय- के वकील ने इस पर कहा कि यूनीटेक के दोनों निदेशक जेल में हैं और जेल में रहकर संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई पर वह कोई नई योजना के साथ अदालत आएंगे। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की।

इससे पहले न्यायालय ने चंद्रा की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि 16,300 फ्लैट खरीदारों के आंसू बिल्डर की आजादी की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। उच्चतम न्यायालय ने चंद्रा से कहा था कि अगर उन्होंने खरीदारों को फ्लैट या रिफंड नहीं दिया तो वह यह काम नीलामी करके खुद करेगा। न्यायालय ने फ्लैट या पैसे की चाहत रखने वालों की सूची भी मांगी थी।

इस मामले में न्यायमित्र ने न्यायालय को बताया कि 4482 खरीदार अपना पैसा वापस लेना चाहते हैं तो 4356 खरीदार फ्लैट चाहते हैं।

गौरतलब है कि गत 15 सितंबर को भी चंद्रा बंधुओं की जमानत याचिका खारिज हुई थी। चंद्रा और उनके भाई अजय नोएडा और गुरुग्राम में आवासीय योजना के निवेशकों से धोखाधड़ी करने के आरोपी हैं और फिलहाल दोनों जेल में हैं।

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