उप्र और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का निधन, जन्मदिन पर ही ली आखिरी सांस

उप्र और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का निधन, जन्मदिन पर ही ली आखिरी सांस

nd tiwari

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार को निधन हो गया। वे 93 साल के थे।तिवारी कई दिनों से बीमार थे और दिल्ली के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वे उत्तर प्रदेश के तीन बार (1976–77, 1984–85, 1988–89) और उत्तराखंड के एक बार (2002–2007) मुख्यमंत्री रहे थे। इसके अलावा वे केंद्र की राजनीति में भी सक्रिय रहे। तिवारी राजीव गांधी की कैबिनेट में विदेश मंत्री (1986–1987) थे। वे आंध्र प्रदेश के राज्यपाल (2007-09) भी रहे थे। उन्हे अपने जीवन में दो राज्यों का मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला।

एनडी तिवारी का पूरा नाम नारायण दत्त तिवारी था। 18 अक्टूबर, 1925 को नैनीताल के कुमाऊंनी परिवार में जन्मे तिवारी का निधन उनके जन्मदिन पर ही हुआ। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। रावत ने ट्वीट किया, ‘उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं। ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति व परिजनों को दुख सहने की प्रार्थना करता हूं।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘तिवारीजी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। विरोधी दल में होने के बावजूद उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर रहकर सदैव अपना स्नेह बनाए रखा।’

एनडी तिवारी ने 1954 में सुशीला देवी के साथ विवाह किया था, जिनका 1991 में देहांत हो गया। उन्होंने 2014 में उज्ज्वला तिवारी से विवाह किया। हालांकि विवाह से पहले उनके संबंध काफी विवादों में रहे थे और मामला अदालत तक जा पहुंचा था।

तिवारी ने अपना सियासी सफर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से शुरू किया था। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने 1952 में नैनीताल विधान सभा सीट से चुनाव लड़ा और जीते। उस समय उनकी उम्र 26 साल थी। वे आम लोगों के बीच मृदुभाषी राजनेता के तौर पर जाने जाते थे। उन्हें करीब से जानने वाले बताते हैं कि उनकी याददाश्त बहुत तेज थी। वे अपने दफ्तर और निर्वाचन क्षेत्र में परिचित लोगों को उनके नाम से संबोधित करते थे। एक जमाने में वे कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में देखे जाने लगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

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