बाज़ार के पहिए को मिल रही गति, मिलने लगे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

बाज़ार के पहिए को मिल रही गति, मिलने लगे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

बाज़ार के पहिए को मिल रही गति, मिलने लगे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। चीन के वुहान शहर से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस ने इस साल विश्व-अर्थव्यवस्थाओं को बुरी तरह प्रभावित किया। भारत भी इससे अलग नहीं है। हालांकि मास्क, स्वच्छता नियम एवं सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों और अनलॉक की प्रक्रिया ने बाजार के थमे हुए पहिए को गति देनी शुरू कर दी है। इसमें त्योहारी मौसम के भी मददगार साबित होने की उम्मीद है। जनमानस में यह धारणा मजबूत होती जा रही है कि 2020 के आखिर या अगले साल के शुरुआती महीनों में वैज्ञानिक कोरोना वायरसरोधी वैक्सीन अवश्य खोज लेंगे।

Dakshin Bharat at Google News
वहीं, विभिन्न क्षेत्रों में कारोबारी गतिविधियां सुधार की ओर जाती दिख रही हैं। एक जानेमाने बैंक के एमडी का कहना है कि वृहत् आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है, खासतौर से पिछले महीने में। कर्ज की मांग और ऋण उठाव में सुधार आने से उम्मीदें जगने के संकेत मिलते हैं।

वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट कहती है कि महामारी के जोखिमों का मुकाबला करने के लिए केंद्र सरकार ने जो महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार किए, उनसे देश की आर्थिक नींव सुदृढ़ होगी। साथ ही दीर्घ अवधि में वृद्धि भी सुनिश्चित होगी। रिपोर्ट कहती है कि महामारी गई नहीं है, लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर मामलों मेंं कमी आने से अर्थव्यवस्था में सुधार की गुंजाइश जरूर बढ़ गई है।

लॉकडाउन में छूट दिए जाने का असर अर्थव्यवस्था पर यकीनन दिखाई दे रहा है। अर्थशास्त्री पालियान्ना डे लिमा भी इससे सहमत हैं। वे कहती हैं, ‘लॉकडाउन में छूट से सितंबर में सेवा क्षेत्र को सुधार की ओर लौटने में सहायता प्राप्त हुई है।’

इसी प्रकार, देश के निर्यात में निरंतर (छह महीने) गिरावट के बाद अब तस्वीर बदलने लगी है। सितंबर में यह वार्षिक आधार पर 5.27 प्रतिशत बढ़ गया। व्यापार घाटा भी घटकर 2.91 अरब डॉलर हो गया। आर्थिक मोर्चे पर अनुकूल घटनाक्रम का असर शेयर बाजार पर भी दिखाई देने लगा है।

अर्थशास्त्री पोलीअन्ना डे लीमा का मानना है कि भारत की विनिर्माण गतिविधियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। उनके अनुसार, लॉकडाउन में ढील दिए जाने से कारखानों की उत्पादन क्षमता बढ़ रही है और मांग में बढ़ोतरी हो रही है। वे सितंबर के आंकड़ों में कई सकारात्मक चीजें होने की बात को रेखांकित करती हैं।

गतिविधियों में तेजी आने से वाहन उद्योग में भी सकारात्मक परिणाम दर्ज किए गए हैं। मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर्स की वाहन बिक्री में तेजी आई है। टाटा मोटर्स, स्कोडा ऑटो, होंडा कार्स और किआ मोटर्स जैसी कंपनियों के वाहनों की बिक्री में भी तेजी के संकेत मिलने लगे हैं।

मानसून अच्छा रहने और खरीफ की बढ़िया पैदावार के मद्देनजर ट्रैक्टर कंपनियां भी उत्साहित हैं। सितंबर में एस्कॉर्ट्स के ट्रैक्टरों की बिक्री 9.2 प्रतिशत बढ़ गई। पिछले साल इसी महीने में कंपनी की ट्रैक्टर बिक्री 10,855 थी, जो इस साल सितंबर में 11,851 रही। ये आंकड़े कृषि क्षेत्र संबंधी गतिविधियों में सुधार की ओर संकेत करते हैं।

हाल में सरकार द्वारा और गतिविधियों की अनुमति देने से उम्मीद जताई जा रही है कि अर्थव्यवस्था का पहिया रफ्तार पकड़ेगा। सिनेमा, मल्टीप्लेक्स खोले जाने के बाद इनसे जुड़े कारोबारी क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है। हालांकि, इन सबके बीच हमें याद रखना चाहिए कि अभी महामारी समाप्त नहीं हुई है। कोरोनारोधी वैक्सीन के आने और आम जनता के लिए उपलब्ध होने तक मास्क, स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग ही बचाव हैं।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से कहा- 'सोलर रूफटॉप योजना के लिए नई शर्तें न लगाएं' तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से कहा- 'सोलर रूफटॉप योजना के लिए नई शर्तें न लगाएं'
Photo: officialsenthilbalaji FB Page
अनूठे और नए कलेक्शन के साथ आ रही ​हाई लाइफ प्रदर्शनी
कांग्रेस अब आदिवासी समाज को जातियों में बांटकर कमजोर करना चाहती है: मोदी
झारखंड में यूसीसी जरूर आएगी, आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा: शाह
एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में लाइसेंस के संबंध में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया महत्त्वपूर्ण बयान
कर्नाटक सरकार ने अभूतपूर्व स्तर पर काम किया, उपचुनाव में लोग वोट देंगे: कांग्रेस
हंसाकर लोटपोट करने वाली इस फिल्म का बनेगा सीक्वल, अक्षय समेत वापसी करेगी 'ख़ास' तिकड़ी?