कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों की परेड कराई
कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों की परेड कराई
बेंगलूरु। कांग्रेस ने गुजरात के अपने ४४ विधायकों की रविवार को बेंगलूरु में परेड कराई। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने इस दौरान आरोप लगाया कि गुजरात में भाजपा ने २२ कांग्रेसी विधायकों को तो़डने की साजिश रची। मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान गोहिल भावुक हो गए और उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने साम-दाम और दंड का प्रयोग किया। हालांकि राजनीति में यह सब भी थो़डा बहुत चलता है लेकिन भाजपा तो ‘बिलो दि बेल्ट’’हरकतें करने लगी। विधायकों के खिलाफ फर्जी मुकदमे किए जाने लगे। भाजपा की चाल थी कि २२ विधायकों को खरीद लिया जाए और कांग्रेस को खत्म कर दिया जाए।गोहिल ने कहा, गुजरात में कुल १८२ विधायक हैं जिनमें ५७ कांग्रेस के हैं। एनसीपी के दो और जदयू के एक साथी ने हमारा समर्थन किया था। हमारे पास कुल ६० विधायकों का साथ था। हमें राज्यसभा के लिए सिर्फ ४५ वोट की जरूरत थी। अगर विधायकों को हमारे नेता से कोई प्रॉब्लम थी तो वो सा़ढे चार साल तक नहीं थी? सिर्फ अभी कैसी प्रॉब्लम हो गई?गोहिल ने भावुक होते हुए कहा कि यह संवाददाता सम्मेलन मुंह दिखाई के लिए नहीं है बल्कि हम अपने जमीर के लिए यहां आए हैं। हमारी पार्टी ने जिन्हंे व्हिप चुना उसे भाजपा ने तो़ड लिया फिर उसे अपना उम्मीदवार बना दिया। भाजपा की सरकार राज्य में बा़ढ के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त करने की कोशिश कर रही थी लेकिन मेरे विधायकों का यह जज्बा ही है कि १५ करो़ड में बिके नहीं, किसी गुंडे की साजिश से डरे नहीं। उन्होंने कहा कि अगर विधायकों को डराया नहीं गया होता तो आज इन्हें बेंगलूरु में रहने की जरूरत नहीं प़डती। साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों को तो़डने की चाल चल रही थी। गुजरात कांग्रेस के नेता ने आरोप लगाया कि हमारे आदिवासी विधायक को ये लोग अमित शाह से मिलाने ले गए और चुनाव के लिए सीट पक्की और १५ करो़ड का ऑफर दिया लेकिन हमारे विधायक वहां से भागकर सूरत वापस आ गये। शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि पहले छह विधायकों को तो़डा और बाकी सात को रिजाइन नहीं करवा पाए। जिन सात ने अभी तक रिजाइन नहीं किया उनका जमीर उस दिन ही दिखेगा जब वो कांग्रेस नेता को वोट देंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों गुजरात कांग्रेस के मुख्य सचेतक रहे बलवंत सिंह राजपूत ने इस्तीफा दे दिया था। वे भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके कुछ देर बाद ही भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया। उनके अलावा पांच और विधायकों ने भी कांग्रेस छो़डकर भाजपा का दामन थाम लिया था।