डीके शिवकुमार ने रीवा सोलर प्लांट को लेकर किए जा रहे दावे पर खड़े किए सवाल
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डीके शिवकुमार ने रीवा सोलर प्लांट को लेकर किए जा रहे दावे पर खड़े किए सवाल
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने रीवा सोलर प्लांट पर सवाल खड़े किए हैं। इस प्लांट का लोकार्पण शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था। रीवा प्लांट की क्षमता 750 मेगावॉट है जिसके आधार पर इसे एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट कहा जा रहा है।
डीके शिवकुमार ने उक्त दावे पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया है। वे कहते हैं, ‘भाजपा की केंद्र सरकार दावा कर रही है कि रीवा, मप्र में एशिया के सबसे बड़े 750 मेगावॉट के सोलर प्लांट का उद्घाटन किया गया है।’
इसके बाद डीके शिवकुमार सवाल करते हैं, ‘फिर कर्नाटक के पावगडा में उस 2 हजार मेगावॉट के सोलर प्लांट के बारे में क्या कहें जिसे कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने तीन साल में बनाया था और 2018 से वह काम भी कर रहा है?’
डीके शिवकुमार ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें पावगडा प्लांट की क्षमता और उससे स्थानीय लोगों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव का उल्लेख किया गया है। वीडियो में इसका ‘शक्तिस्थल’ के तौर पर उल्लेख किया गया है।
इसके अलावा, शिवकुमार बताते हैं कि पावगडा प्लांट इस लिहाज से भी अद्वितीय है क्योंकि इसके लिए किसानों से एक एकड़ जमीन का भी अधिग्रहण नहीं किया गया था। ‘पूरी 13,000 एकड़ जमीन किसानों से लीज पर ली गई, जिन्हें सालाना किराया दिया जा रहा है। अक्षय ऊर्जा के कर्नाटक मॉडल को भारत में सर्वश्रेष्ठ के तौर पर स्वीकार किया गया।’
BJP Central Govt is claiming today that it inaugurated Asia's Largest Solar Plant of 750 MW at Rewa, MP
What then is the 2000 MW Solar Plant in Pavagada, Karnataka which was built in just 3 years by @INCKarnataka govt and has been operational since 2018?pic.twitter.com/FbR0cLvYqw
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) July 10, 2020
पावगडा प्लांट को कर्नाटक सोलर पार्क डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केएसपीडीसीएल) द्वारा विकसित किया गया था, जो भारत के सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) और कर्नाटक रिन्यूएबल एनर्जी (केआरईडीएल) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने रीवा सोलर प्लांट का उद्घाटन करते हुए सौर ऊर्जा की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि देश में सौर पैनल, बैटरी तथा इससे संबंधित सभी उपकरणों पर आयात की निर्भरता खत्म करनी होगी।
प्रधानमंत्री ने 750 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाली रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लोकार्पण करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है। इसमें सौर ऊर्जा एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है और हमारे प्रयास भारत की इसी ताकत को विस्तार देने के हैं।
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रीवा प्लांट से उत्पादित 24 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति दिल्ली मेट्रो को की जा रही है। शेष बिजली का उपयोग मप्र कर रहा है। बताया गया कि करीब 4,000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए इस प्लांट में पूर्ण क्षमता से सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो चुका है।
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