‘विक्रम’ की प्रस्तावित सॉफ्ट लैंडिंग पर बोले इसरो प्रमुख- सब कुछ योजना के मुताबिक चल रहा है

‘विक्रम’ की प्रस्तावित सॉफ्ट लैंडिंग पर बोले इसरो प्रमुख- सब कुछ योजना के मुताबिक चल रहा है

इसरो द्वारा जारी की गई एक तस्वीर

बेंगलूरु/भाषा। ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ की चांद पर प्रस्तावित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ घंटों पहले इसरो अध्यक्ष के सिवन ने शुक्रवार को बताया कि इस बहुप्रतीक्षित लैंडिंग के लिए चीजें योजना के अनुसार आगे बढ़ रही हैं। सिवन ने कहा, हम इसका (लैंडिंग का) बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा है।

Dakshin Bharat at Google News
‘विक्रम’ शुक्रवार देर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा। सॉफ्ट लैंडिंग का दूरदर्शन पर शुक्रवार देर रात एक एक बजकर 10 मिनट से सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसे इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी प्रसारित किया जाएगा।

इस मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, निश्चित ही पूरी (चंद्रयान-2) टीम के मन में घबराहट है क्योंकि यह एक जटिल अभियान है और हम पहली बार ऐसा कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा, सेंसरों, कम्प्यूटरों, कमांड प्रणालियों… सभी का अच्छी तरह काम करना आवश्यक है, लेकिन हमने जमीन पर कई आभासी परीक्षण किए हैं जिससे हमें यह भरोसा मिलता है कि सब सही होगा।

उन्होंने ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को ‘बच्चे को पालने में रखने के समान बताया’ और कहा ‘इसे लेकर थोड़ी घबराहट है लेकिन शंका नहीं है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के जरिए इसरो द्वारा देशभर से चुने गए दर्जनों छात्र-छात्राएं, बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी और अन्य इसरो टेलीमेंट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के जरिए यहां इस ऐतिहासिक लम्हे का सीधा नजारा देखेंगे।

भारत जब चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की कोशिश करेगा तो सभी की नजरें लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ पर टिकी होंगी।1,471 किलोग्राम वजनी लैंडर ‘विक्रम’ का नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए. साराभाई के नाम पर रखा गया है। इसे चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने के लिए तैयार किया गया है। यह एक चंद्र दिवस के लिए काम करेगा। एक चंद्र दिवस पृथ्वी के करीब 14 दिनों के बराबर होता है।

रोवर 27 किलोग्राम वजनी छह पहिया रोबोटिक वाहन है जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस है। इसका नाम ‘प्रज्ञान’ है जिसका मतलब ‘बुद्धिमत्ता’ से है। यह ‘लैंडिंग’ स्थल से 500 मीटर तक की दूरी तय कर सकता है और यह अपने परिचालन के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा। यह लैंडर को जानकारी भेजेगा और लैंडर बेंगलूरु के पास ब्याललु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को जानकारी प्रसारित करेगा।

इसरो के अनुसार, लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप-सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ बढ़ाएंगे। इसरो ने कहा है कि ‘चंद्रयान-2’ अपने लैंडर को 70 डिग्री दक्षिणी अक्षांश में दो गड्ढों- ‘मैंजिनस सी’ और ‘सिंपेलियस एन’ के बीच ऊंचे मैदानी इलाके में उतारने का प्रयास करेगा।

लैंडर के चांद पर उतरने के बाद इसके भीतर से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस यानी के पृथ्वी के 14 दिनों की अवधि तक अपने वैज्ञानिक कार्यों को अंजाम देगा। सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ भारत को रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगी। इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का प्रथम देश बन जाएगा।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का फैसला भाजपा करेगी, मेरा समर्थन मिलेगा: एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का फैसला भाजपा करेगी, मेरा समर्थन मिलेगा: एकनाथ शिंदे
Photo: mieknathshinde FB Page
क्या अल्लू अर्जुन की यह मूवी तोड़ेगी साल 2024 के सारे रिकॉर्ड?
तय हो गया महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का नाम, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मंजूरी का इंतजार!
वायनाड: प्रियंका वाड्रा बोलीं- लोगों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करने को उत्सुक हूं
चक्रवात फेंगल: पुड्डुचेरी में हुई भारी बारिश, जनजीवन प्रभावित हुआ
तेलंगाना: पुलिस के साथ मुठभेड़ में 7 माओवादी ढेर
सीआईआई के 32वें उत्कृष्टता शिखर सम्मेलन में 'आत्मनिर्भर भारत' निर्माण पर जोर दिया गया