विद्युत चालित ट्रेनों का कल उद्घाटन करेंगे पीयूष गोयल

विद्युत चालित ट्रेनों का कल उद्घाटन करेंगे पीयूष गोयल

मैसूरु। रेलमंत्री पीयूष गोयल २६ दिसंबर को मैसूरु-बेंगलूरु रेल खंड पर विद्युत चालित ट्रेनों का उद्घाटन करेंगे। इस १३९ किलोमीटर रेल खंड पर ट्रैक दोहरीकरण का काम २१० करो़ड रुपए की लागत से पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (कोर) ने पूरे रेलमार्ग के विद्युतीकरण का काम भी पूरा कर लिया है। रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने यात्री सुरक्षा के मानकों का निरीक्षण करने के बाद इस पूरे मार्ग पर रेलसेवाओं के संचालन को हरी झंडी दिखा दी है। इस मार्ग पर रेल सेवाओं के उद्घाटन के बाद मैसूरु-चेन्नई खंड पर चलने वाली ट्रेनों में बिजली के इंजन जो़डे जाएंगे। इन ट्रेनों में चेन्नई-मैसूरु-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस और मैसूरु-चेन्नई-मैसूरु कावेरी एक्सप्रेस भी शामिल होंगी। वहीं, अधिकारियों ने बताया कि इस समय पर मैसूरु से दरभंगा तक चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों के संचालन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। मैसूरु को पश्चिम बंगाल के प्रवेश द्वार माने जाने वाले हाव़डा से जो़डने के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। इन सबके अलावा मैसूरु-बेंगलूरु रेलखंड पर तीन सवारी गाि़डयों के संचालन की भी योजना बनाई जा रही है। इन सभी योजनाओं को अगले वर्ष मार्च महीने तक अमली जामा पहनाया जा सकेगा। दक्षिण पश्चिम रेलवे के सूत्रों ने बताया कि मैसूरु-बेंगलूरु रेलमार्ग के विद्युतीकरण का पूरा फायदा तभी मिल सकेगा, जब मैसूरु से बेंगलूरु तक की दूरी में मेनलाइन इले्ट्रिरक मल्टिपल यूनिट (मेमू) ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाए। इन ट्रेनों से शहर के अंदरूनी हिस्सों के यात्रियों को तेज दैनिक यातायात की सुविधा मिल सकेगी और यह उनके लिए यातायात का सस्ता माध्यम भी साबित होगा। मेमू ट्रेनों में बेहद कम समय में तेज रफ्तार पक़डने की क्षमता होती है, जिससे यह छोटी दूरियां अन्य किसी भी परिवहन माध्यम से कम समय में तय कर लेती हैं। सूत्रों ने बताया कि सिर्फ ट्रेनों में बिजली चालित इंजन लगाने से सिर्फ ईंधन की कीमत में कटौती की जा सकती है, इससे यात्रियों को कोई खास फायदा नहीं होगा। चूंकि मैसूरु-बेंगलूरु खंड में अब तक कोई मेमू ट्रेन अपनी सेवाएं नहीं दे रही है, इसलिए इन ट्रेनों की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने रेलवे के साथ मैसूरु-बेंगलूरु रेलखंड के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के लिए हुए समझौते के मुताबिक कुल लागत में से ८० प्रतिशत खर्च वहन किया है लेकिन इसे अब तक कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री से ट्रेनों के लिए रेक्स के पूरे सेट्स हासिल नहीं हुए हैं। रेलवे बोर्ड ने कोच फैक्ट्री को १४ मेमू रेक्स की आपूर्ति करने का कार्यादेश दिया था। इनमें से अब तक सिर्फ छह रेक्स की आपूर्ति की गई है। उम्मीद जताई जाती है कि शेष आठ रेक्स की आपूर्ति अक्टूबर २०१८ तक की जा सकेगी। वहीं, इस वर्ष की शुरुआत में राज्य सरकार और रेलवे के बीच हुए समझौते में बेंगलूरु मंडल द्वारा संचालित मौजूदा १५ जो़डी सवारी गाि़डयों को मेमू ट्रेनों में तब्दील करने का प्रावधान था। इस काम में २७८ करो़ड रुपए की लागत आने का अनुमान लगाया गया था। वर्तमान में मैसूरु-बेंगलूरु खंड में २४ जो़डी सवारी ट्रेनें संचालित हो रही हैं। यह संख्या ब़ढाने की जरूरत तो है लेकिन यह ब़ढोत्तरी बेंगलूरु स्टेशन पर ट्रेनों का बोझ घटने और मैसूरु स्टेशन के विस्तार पर निर्भर करेगी।

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