लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर अन्ना का सत्याग्रह 23 मार्च सेे

लोकपाल की नियुक्ति की मांग को लेकर अन्ना का सत्याग्रह 23 मार्च सेे

लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केन्द्र सरकार पर लोकपाल बिल को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इसके लिए २३ मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में फिर से सत्याग्रह करेंगे। हजारे ने सोमवार को यहां काकोरी में कहा कि वह २३ मार्च को सशक्त लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति के साथ चुनावी सुधारों की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्याग्रह करेंगे। इसी के मद्देनजर वह दो दिवसीय दौरे पर यहां आए हैं। उन्होंने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने पुराने लोकपाल बिल को कमजोर करने का काम किया है। जिस कारण देश में भ्रष्टाचार के रास्ते खुल गए हैं। उन्होंने कहा कि देश से भले ही अंग्रेज चले गए लेकिन यहां अभी ऐसा लोकतंत्र नहीं आया जिसकी कल्पना की थी। देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं फिर भी सरकारें उनका ध्यान नहीं दे रही हैं।हजारे ने कहा कि देश में लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्त का कानून वर्ष २०१३ में पारित हो चुका है, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी इस पर अमल नहीं किया गया है। इतना ही नहीं इतने लंबे समय तक कानून को लटकाए रखने की वजह से सरकार की मंशा पर पूरे देश को शक पैदा होने लगा है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सरकार इसके प्रावधानों में संशोधन करके उसके पूरे उद्देश्य को ही समाप्त कर देना चाहती है। उन्होंने किसानों की फसलों का उचित मूल्य दिलाने और स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को तत्काल लागू करने की मांग की। अन्ना ने कहा, मैंने लोकपाल लाने के लिए १६ दिन तक अनशन किया। पूरा देश मेरे साथ ख़डा हो गया। मेरे आंदोलन से सरकार डर गई थी कि कहीं मौजूदा सरकार न गिर जाए लेकिन सरकारें यह नहीं जानती हैं कि देश में सरकार गिराने की शक्ति सिर्फ जनता के पास है। मैं २३ मार्च से फिर धरने पर बैठ रहा हूं इस दिन को मैंने इसलिए चुना है कि यह शहीदों का दिन है।

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