महिलाओं के न्याय के लिए लड़ती हैं अंजू नेगी
महिलाओं के न्याय के लिए लड़ती हैं अंजू नेगी
गु़डगांव। नवरात्र के सातवें दिन आपको ऐसी महिला के बारे में बता रहे हैं जो न्याय के लिए ल़डती है। वह महिलाओं का उस मोड पर साथ देती है, जब सोसायटी और परिवार के लोग उसे बेसहारा छो़ड देते हैं। ऐडवोकेट अंजू रावत नेगी (४०) रेप और ऐसिड अटैक का शिकार हुईं ल़डकियों के लिए कोर्ट में केस मुफ्त में ल़डती हैं। वह अब तक ४० से ज्यादा मामलों में महिलाओं को न्याय दिलवा चुकी हैं। अंजू वर्ष २००५ में गु़डगांव आई थीं। वकालत शुरू करने के साथ ही उन्होंने रेप पीि़डताओं और ऐसिड अटैक का दंश झेल रहीं महिलाओं का दर्द देखा। इसके बाद अंजू ने एक एनजीओ बनाया। साथ ही नाबालिग रेप पीि़डता और एसिड अटैक विक्टिम बच्चियों के फ्री में केस ल़डने शुरू कर दिए। अंजू ने पहला मामला गु़डगांव के लक्ष्मण विहार में रहने वाले एक रिक्शा चालक की ६ साल बेटी का के लिए ल़डा था। बच्ची के साथ दो लोगों ने रेप किया था। हालांकि, उनमें से एक शख्स नाबालिग साबित हुआ, जबकि दूसरे को १० साल की सजा हुई थी। उसके बाद वजीराबाद के एक रेप केस में जज ने एक आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। अंजू का कहना है कि रेप और ऐसिड अटैक से हर साल हजारों महिलाएं जुझती हैं। इनमें से कई महिलाएं गरीब वर्ग की होती हैं जिनके पास कानूनी ल़डाई ल़डने के लिए पैसे तक नहीं होते।एडवोकेट अंजू को कई बार महिलाओं और बच्चियों की मदद करने के लिए रात में भी निकलना प़डता है। ऐसे में उनके पति भी उनका इस काम में पूरा सहयोग करते हैं। उनका कहना है एनजीओ फरिश्ते ग्रुप के माध्यम से वह सभी जरूरतमंद वर्ग के लोगों के लिए हेल्थ से लेकर न्याय और उनके भविष्य को संवारने का काम कर रही हैं। इस संगठन से करीब ८० और लोग टीमवर्क कर रहे हैं।