बिहार उपचुनाव: नीतीश, सुशील और पासवान एक साथ कर रहे चुनाव प्रचार
बिहार उपचुनाव: नीतीश, सुशील और पासवान एक साथ कर रहे चुनाव प्रचार
पटना/भाषा। बिहार में सत्तारूढ़ राजग के शीर्ष नेता अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘सेमीफाइनल’ माने जाने वाले आगामी उपचुनावों के लिए एक साथ प्रचार अभियान में भाग ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री व जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा के संस्थापक अध्यक्ष रामविलास पासवान और उपमुख्यमंत्री व दिग्गज भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को दरौंदा व किशनगंज विधानसभा क्षेत्रों और समस्तीपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए चल रहे प्रचार अभियान के तहत कई रैलियों में मंच साझा किया।इन चीजों से ऐसा लगता है कि सत्ताधारी गठबंधन के भीतर के सबकुछ ठीक चल रहा है। प्रत्येक घटक दल ने एक-दूसरे का समर्थन किया है। दूसरी ओर, पांच दलों के मेल से बने महागठबंधन में मामला बिल्कुल विपरीत है, जो अंदरूनी कलह से ग्रस्त है और हो सकता है वह चुनौती भी खड़ी न कर पाए।
दरौंदा सीट पर जद (यू) ने कविता सिंह के पति अजय सिंह को मैदान में उतारा है। कविता सिंह को सीवान लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद यह सीट खाली हो गई, जिस वजह से यहां उपचुनाव कराना पड़ रहा है। अजय सिंह की मां जगमाता देवी साल 2011 में अपनी मृत्यु तक सीट से विधायक रही थीं।
मुस्लिम बहुल सीट किशनगंज से भाजपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है, जिसने 2015 के विधानसभा चुनाव के अपने उम्मीदवार स्वीटी सिंह पर एक बार फिर विश्वास जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर उनका मुकाबला मो. जावेद की मां से है। जावेद अब किशनगंज लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
समस्तीपुर (आरक्षित) सीट लोजपा प्रमुख के छोटे भाई रामचंद्र पासवान के निधन के कारण खाली हुई है। दिवंगत नेता के बेटे प्रिंस इस सीट से चुनाव लड़ राजनीति में पदार्पण कर रहे हैं।
इन तीन सीटों के अलावा, बेलहर, नाथनगर और सिमरी बख्तियारपुर में भी उपचुनाव होने हैं, जिन सभी पर विधानसभा चुनाव में जद (यू) ने जीत हासिल की थी। इन सभी सीटों के विजेताओं लोकसभा के लिए निर्वाचन होने के कारण ये सीटें खाली हो गई हैं।
नाथनगर और सिमरी बख्तियारपुर में जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी ने मैदान में राजद उम्मीदवारों के बावजूद अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। इससे विपक्षी महागठबंध का अंदरूनी कलह साफ तौर पर उजागर होता है।
महागठबंधन में कांग्रेस और रालोसपा भी शामिल हैं। दोनों ने इनमें से किसी भी क्षेत्र में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। मांझी और साहनी ने कई मौकों पर राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। इन सीटों पर मतदान 21 अक्टूबर को होना है।