कर्नाटक: चित्तपुर में आरएसएस के मार्च को प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला दिया
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कलबुर्गी/दक्षिण भारत। मंत्री प्रियांक खरगे के गृह निर्वाचन क्षेत्र चित्तपुर में अधिकारियों ने शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला देते हुए रविवार को आरएसएस के रूट मार्च की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।
चित्तपुर नगर पालिका परिषद ने शनिवार को पुलिस सुरक्षा के बीच मुख्य सड़क पर आरएसएस द्वारा लगाए गए कटआउट और बैनर हटा दिए थे। परिषद ने कहा था कि ये कटआउट और बैनर रूट मार्च की अनुमति देने से पहले लगाए गए थे।चित्तपुर तहसीलदार ने 18 अक्टूबर को जारी अपने आदेश में कहा है, 'चित्तपुर में शांति और कानून व्यवस्था को बाधित होने से रोकने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए, 19-10-2025 को निर्धारित आरएसएस रूट मार्च की अनुमति देने से इन्कार किया जाता है, और अनुरोध आवेदन को अस्वीकार किया जाता है।'
राज्य सरकार ने भी शनिवार को एक आदेश जारी कर किसी भी निजी संगठन, एसोसिएशन या व्यक्तियों के समूह के लिए सरकारी संपत्ति या परिसर का उपयोग करने के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी है।
यह आदेश गुरुवार को कैबिनेट के निर्णय पर आधारित है, जो पंचायत राज और आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खरगे द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के बाद लिया गया, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
संगठन की शताब्दी के अवसर पर और विजयादशमी उत्सव के एक भाग के रूप में, आरएसएस द्वारा 19 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे कलबुर्गी जिले के चित्तपुर शहर में रूट मार्च और विजयादशमी कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
तहसीलदार ने बताया कि उनके कार्यालय से चित्तपुर पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक को इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि भीम आर्मी संगठन ने भी एक पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि वे भी 19 अक्टूबर को उसी मार्ग पर एक रूट मार्च निकालेंगे।
इसके अलावा, पुलिस स्टेशन के खुफिया अधिकारी को इन जुलूसों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, जिसमें कहा गया था कि 16 अक्टूबर को, आरएसएस कार्यकर्ता दानेश नारोन ने स्थानीय विधायक और जिला प्रभारी मंत्री प्रियांक खरगे को धमकी दी थी। इस संबंध में बेंगलूरु के सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। इस घटना के विरोध में चित्तपुर सहित पूरे कर्नाटक में प्रदर्शन हुए हैं।


