व्हाइट हाउस का खुलासा- हमास के हमले में अब तक इतने अमेरिकी नागरिकों ने गंवाई जान
अमेरिका इजराइल को अतिरिक्त रक्षा संबंधी सहायता भी उपलब्ध करा रहा है
17 लोगों की कोई जानकारी नहीं
वॉशिंगटन/भाषा। इजराइल पर हमास के हमले में कम से कम 22 अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है और 17 की कोई जानकारी नहीं है। आने वाले दिनों में यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बताया कि फलस्तीन आतंकवादी समूह हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों में और भी अमेरिकी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बंधकों को छुड़ाने के लिए अमेरिका इजराइल के साथ बातचीत कर रहा है।व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में सामरिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि अब तक 22 अमेरिकी अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 17 के बारे में कोई जानकारी नहीं है। आने वाले दिनों में ये संख्या बढ़ने की आशंका है।’
इससे पहले अमेरिका ने हमले में 14 अमेरिकियों की मौत होने की पुष्टि की थी।
सुलिवन ने पत्रकारों से कहा, ‘आज हमें इस बात का थोड़ा बेहतर अंदाजा है कि कितने और अमेरिकी लापता हैं या लापता हैं। हम जानते हैं कि उनमें से कई अमेरिकियों को हमास ने अभी बंधक बनाया हुआ है। मुझे लगता है कि हम सभी को इसके लिए खुद को मजबूत करने की जरूरत है कि ये संख्या और बढ़ सकती है।’
इजराइल पर हमास के अप्रत्याशित हमले में 1,200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इसके बाद इजराइल ने भी गाजा पर हवाई हमला करके इसका जवाब दिया है, जिसमें सौ लोग मारे गए थे।
उन्होंने, ‘सभी प्रभावित परिवारों को हमारा संदेश है कि हम आपके साथ हैं। आपके साथ-साथ हम भी इस बात से काफी दुखी हैं। जो प्रयास किए जा सकते हैं, हम वह सब कुछ कर रहे हैं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिन्हें अपने प्रियजन का पता नहीं चल पा रहा है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने के लिए हम हर तरह की सहायता के लिए तैयार हैं।’
किर्बी ने कहा, ‘निःसंदेह इजराइल के पास बंधकों को छुड़ाने की खुद की क्षमता है। हमारे पास बहुत सारी जानकारी भी है और हम उसे इजराइली रक्षा बलों के साथ साझा करने की पेशकश कर रहे हैं।’
अमेरिका इजराइल को अतिरिक्त रक्षा संबंधी सहायता भी उपलब्ध करा रहा है।
किर्बी ने कहा कि अमेरिका यह स्पष्ट संदेश दे रहा है कि यदि कोई भी इजराइल के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार करेगा या युद्ध को बढ़ाने की कोशिश करेगा तो अमेरिका उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार है।