विद्युतीकरण, समयपालन, गतिशीलता ... दपरे ने किया शानदार प्रदर्शन

महाप्रबंधक ने प्रमुख उपलब्धियों को लेकर मीडिया को संबोधित किया

विद्युतीकरण, समयपालन, गतिशीलता ... दपरे ने किया शानदार प्रदर्शन

दपरे भारतीय रेलवे के सभी जोन में तीसरा सबसे समयबद्ध जोन है

हुब्बली/दक्षिण भारत। महाप्रबंधक संजीव किशोर ने गुरुवार को हुब्बली में रेल सौधा में मीडिया को संबोधित किया और जनवरी-दिसंबर 2022 के दौरान दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) की कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अब तक का सर्वाधिक विद्युतीकरण एक वर्ष में 712 रूट किमी हुआ है। समयपालन दर 94 प्रतिशत रही है। दपरे भारतीय रेलवे के सभी जोन में तीसरा सबसे समयबद्ध जोन है।

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उन्होंने बताया कि गतिशीलता में सुधार हुआ है। सभी जोन में सर्वश्रेष्ठ रहा है। साल 2021 में मालगाड़ियों की औसत गति में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब तक की सर्वाधिक ऑटोमोबाइल लोडिंग - 405 रेक - पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अब तक का सर्वाधिक मूल सकल राजस्व 7509 करोड़ रुपए हुआ है। इसी तरह अब तक का सर्वाधिक यात्री राजस्व 2534 करोड़ रुपए रहा है।

दपरे प्रमुख प्रदर्शन सूचकांकों में सभी क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर है (क्षेत्रीय रेलवे के प्रदर्शन के मापन की एक प्रणाली, जो कई कारकों पर निर्भर करती है)।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली रेलवे अवसंरचना के विकास पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है। जनवरी-दिसंबर 2022 की अवधि में 22 किमी नई लाइन और 210 किमी दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया है।

वर्तमान वर्ष (2023) में लोंदा-मिराज खंड और हुब्बली-चिकजाजुर खंड का दोहरीकरण क्रमशः फरवरी और मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसका मतलब यह है कि मिराज से बेंगलूरु तक का पूरा रेलवे खंड डबल लाइन का होगा।

किशोर ने कहा कि नई लाइन का काम तेजी से चल रहा है। वर्ष 2023 में, गडग-वाडी परियोजना के संगनाल-कुश्तगी (34 किमी) खंड, गिनिगेरा-रायचूर नई लाइन परियोजना के करतागी-सिंधनूर (18 किमी) खंड को पूरा करने का लक्ष्य है।

बागलकोट-कुडाची नई लाइन परियोजना के खज्जिदोनी-लोकापुर (9 किमी) खंड पर कार्य प्रगति पर है। लोकापुर-यादवद खंड के लिए आगे ईपीसी निविदा पहले ही मंगाई जा चुकी है। तुमकुरु-देवांगेरी परियोजना का पहला चरण (20 किमी) पहले ही शुरू हो चुका है।

महाप्रबंधक ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए 2021 में उनकी मांग के आधार पर 252 विशेष ट्रेनें चलाई गईं और 244 कोच स्थायी रूप से और 221 कोच छुट्टियों और त्योहारों के दौरान अस्थायी रूप से बढ़ाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 86वें अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन में भाग लेने वालों की सुविधा के लिए बेंगलूरु से हुब्बली के बीच विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिनका ठहराव हावेरी तक है। इसके लिए सात लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों को हावेरी में अतिरिक्त ठहराव दिया गया है।

आखिर में, साल 2021 में, पटरियों की गति क्षमता को बढ़ाकर 808 किमी से अधिक 110 किमी प्रति घंटा कर दिया गया और 91 ट्रेनों की गति बढ़ा दी गई। साल 2022 में पार्सल राजस्व 106.4 करोड़ रु. था, जो 2021 की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है।

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