दक्षिण रेलवे: महाप्रबंधक ने मदुरै जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की व्यापक समीक्षा की

मदुरै मंडल के प्रदर्शन का जायजा लेने के लिए समीक्षा बैठक भी हुई

दक्षिण रेलवे: महाप्रबंधक ने मदुरै जंक्शन स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों की व्यापक समीक्षा की

मदुरै जंक्शन पुनर्विकास कार्य 36 महीनों में पूरा किया जाएगा

चेन्नई/दक्षिण भारत। दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आरएन सिंह ने गुरुवार को मदुरै मंडल का निरीक्षण किया। इस दौरान दक्षिण रेलवे ​के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, निर्माण राजेंद्र प्रसाद जीनगर, मदुरै के मंडल रेल प्रबंधक पद्मनाभन अनंत, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के मुख्य परियोजना प्रबंधक बी कमलकारा रेड्डी भी उनके साथ थे।

सुबह आरएन सिंह ने मदुरै जंक्शन का दौरा किया। उन्होंने जंक्शन स्टेशन पुनर्विकास योजनाओं की व्यापक समीक्षा की और स्केच की जांच की और सुधारों का सुझाव दिया। उन्होंने अधिकारियों को समय सीमा के भीतर पुनर्विकास कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। स्टेशन स्थल पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए महाप्रबंधक ने बताया कि मदुरै जंक्शन पुनर्विकास कार्य 36 महीनों में पूरा किया जाएगा।

विरासत के साथ आधुनिकता 
 
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक कार्य (जैसे मिट्टी की जांच आदि) पूरा होने वाला है और अगले दो-तीन महीनों में पुनर्विकास कार्य पूरे जोरों पर शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नई संरचना विरासत के साथ आधुनिकता का मिश्रण होगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि मदुरै जंक्शन के सामने जलभराव की जांच के लिए नागरिक निकायों के साथ समन्वय से प्रयास किए जाएंगे।

समय पालन पर जोर

बाद में महाप्रबंधक ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने सुरक्षा, समय पालन और स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया और अधिकारियों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। महाप्रबंधक ने कामकाज के विभिन्न पहलुओं में मदुरै मंडल के प्रदर्शन की सराहना की और माल यातायात में सुधार के लिए नए तरीके सुझाए।

समीक्षा बैठक के बाद महाप्रबंधक ने मदुरै-नागरकोइल सेक्शन में विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया। उन्होंने खंड में दोहरीकरण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। महाप्रबंधक शुक्रवार को रामेश्वरम, पंबन ब्रिज और धनुषकोडी का निरीक्षण करेंगे।

यात्री सुविधाओं में लगातार सुधार

दक्षिण रेलवे ने बताया कि वह विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में लगातार सुधार कर रहा है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, जोन यात्रियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक प्रवेश और निकास के साथ-साथ रेलवे सुविधाओं के भीतर क्रॉस-नेविगेशन में आसानी के लिए प्रमुख स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर के प्रसार पर जोर दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशनों के अंदर सहूलियत वाले स्थानों पर स्थापित लिफ्ट और एस्केलेटर बुजुर्गों, दिव्यांगजन और चिकित्सा देखभाल की जरूरत वाले लोगों के लिए सुरक्षित गतिशीलता की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।

कहां कितनी लिफ्ट?

दक्षिण रेलवे ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर (इस साल नवंबर तक) कुल 118 लिफ्ट प्रदान की हैं। मंडलवार संख्या के अनुसार, चेन्नई मंडल में 24 स्टेशनों पर 50 लिफ्ट, पलक्कड़ मंडल में 11 स्टेशनों पर 24 लिफ्ट, तिरुवनंतपुरम मंडल में 11 स्टेशनों पर 21 लिफ्ट, सलेम मंडल में 5 स्टेशनों पर 11 लिफ्ट, मदुरै मंडल में 3 स्टेशनों पर 9 लिफ्ट और तिरुच्चिरापल्ली मंडल में तिरुचिरापल्ली जंक्शन पर 3 लिफ्ट दी गई हैं।

वर्तमान में, तमिलनाडु के विभिन्न स्टेशनों पर 75 लिफ्ट, केरल स्टेशनों पर 39 लिफ्ट और कर्नाटक में दक्षिण रेलवे के अधिकार क्षेत्र में 4 लिफ्ट काम कर रही हैं।

जारी वित्तीय वर्ष के दौरान नवंबर 2022 तक 10 लिफ्टों को चालू किया गया है, जिसमें चेन्नई एग्मोर में 3 लिफ्ट, बेसिन ब्रिज पर 3, तिरुचिरापल्ली जंक्शन पर 3 और कयानकुलम जंक्शन पर 1 शामिल हैं।

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यहां चल रहा काम

इसके अलावा, 31 रेलवे स्टेशनों पर लिफ्ट लगाने का काम चल रहा है और वित्तीय वर्ष 2022-23 के आखिर तक इसे चालू करने की योजना है। लिफ्ट का ज्यादातर काम अंतिम चरण में है। इसके अलावा, 2023-24 के दौरान 122 लिफ्ट देने का प्रस्ताव है। लिफ्ट सुविधा की एक इकाई मुहैया कराने की अनुमानित लागत 50 लाख रुपए है।

कहां कितने एस्केलेटर?

दक्षिण रेलवे के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर (इस साल नवंबर तक) कुल 134 एस्केलेटर काम कर रहे हैं। चेन्नई मंडल में 21 स्टेशनों पर 62 एस्केलेटर, तिरुवनंतपुरम मंडल में 12 स्टेशनों पर 30 एस्केलेटर, पलक्कड़ मंडल में 6 स्टेशनों पर 13 एस्केलेटर, सलेम मंडल में 4 स्टेशनों पर 12 एस्केलेटर, तिरुच्चिरापल्ली मंडल में दो स्टेशनों पर 9 एस्केलेटर और मदुरै मंडल में दो स्टेशनों पर 8 एस्केलेटर हैं। 

वर्तमान में, तमिलनाडु के स्टेशनों पर 93 एस्केलेटर, केरल स्टेशनों पर 39 एस्केलेटर यात्रियों के उपयोग के लिए उपलब्ध हैं, जबकि दो एस्केलेटर दक्षिण रेलवे के कर्नाटक क्षेत्र में उपलब्ध हैं। जारी वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान विभिन्न स्टेशनों पर 3 एस्केलेटर लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, 2023-24 के दौरान 7 एस्केलेटर प्रदान करने का प्रस्ताव है।

कितनी आएगी लागत?

एस्केलेटर की एक इकाई को चालू करने की अनुमानित लागत 1.1 करोड़ रुपए है और ये 100 यात्रियों/मिनट को सुरक्षित रूप से संभालने के लिए सुसज्जित हैं। दक्षिण रेलवे ने बताया कि वह रेलवे स्टेशनों पर लगातार बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराकर यात्रियों की सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

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