बेंगलूरु/दक्षिणो भारत कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्या मामले को सुलझाने के नजदीक पहुंच गई है। जनवरी २०१८ में मैसूरु में लेखक केएस भगवान की हत्या की साजिश रचने के आरोप में दबोचे गए चार आरोपियों को पुलिस ने दबोचा है। यह सभी कट्टरपंथी हिंदू संगठन सनातन संस्था से जु़डे थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गौरी लंकेश हत्याकांड के तार भी इन आरोपियों से जु़डते मिले। गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी के मुताबिक, परशुराम वाघमारे ने गौरी लंकेश को गोली मारी थी, जबकि नवीन कुमार ने असलहा मुहैया कराया था। यह साजिश अमोल काले ने रची थी। वहीं मोहन नायक ने बेंगलूरु में रहने के लिए इन सभी आरोपियों को अपना घर और दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं। हालांकि हुब्बल्ली से गिरफ्तार २ और आरोपियों की इस हत्याकांड में क्या भूमिका थी ये अभी साफ होना बाकी है। इन गिरफ्तारियों पर संतोष जताते हुए उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच के बारे में बहुत कुछ नहीं बता सकता, लेकिन एक और शख्स की गिरफ्तारी के बाद हम ये जरूर बता सकते हैं कि जानकारी मिलेगी और जल्द ही केस बंद किया जा सकेगा। बता दें कि ५ सितंबर को गौरी लंकेश की हत्या उनके राजराजेश्वरी नगर स्थित घर पर रात में गोली मारकर की गई थी। एक आईजी स्तर के अधिकारी की निगरानी में उनकी हत्या की जांच चल रही है और अबतक एसआईटी ने कुल ९ आरोपियों को पक़डा है। वैसे हिन्दू संगठनों के वकील पहले ही कह चुके हैं कि पुलिस की थ्योरी पहले भी अदालत में नहीं टिकी है।हिन्दू संगठनों के वकील इंग्लिश डब्ल्यू वीरेंद्र ने कहा कि पिछले १० सालों से मैं देख रहा हूं के पुलिस मीडिया को जानकारी लीक करती है फिर हंगामा मचता है लेकिन अदालत में ये सब टिकता नहीं है। एसआईटी ने इस मामले में तकरीबन एक लाख फोन कॉल्स की जांच के साथ साथ तीन राज्यों में हुई जांच के बाद ९ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, यह अब तक सिर्फ नवीन कुमार के खिलाफ ही चार्जशीट दाखि़ल कर सकी है।