फसल मुआवजे और कर्ज माफी की मांग पर किसानों का प्रदर्शन

फसल मुआवजे और कर्ज माफी की मांग पर किसानों का प्रदर्शन

बेंगलूरु। धारवा़ड, बेलगावी और बल्लारी जिलों में भीषण सूखे की वजह से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसान संगठन केंद्र सरकार से ऋण माफी की मांग कर रहे हैं्। सोमवार को अपनी इस मांग पर किसान संगठनों कर्नाटक राज्य रैयत संघ ओर हसिरु सेने के कार्यकर्ताओं ने तीनों जिलों में प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि सार्वजनिक और सहकारी क्षेत्र के बैंकों से कृषि ऋण लेकर खेती-बा़डी करने वाले किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की जाए।धारवा़ड के सैंक़डों किसानों ने आज डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने अपनी मांग के समर्थन में धरना दिया और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। केंद्र सरकार के नाम सौंपे गए इस ज्ञापन में किसान संगठनों ने बुवाई का मौसम शुरू होने से पहले फसलों की न्यूनतम कीमत तय करने की मांग भी की है। साथ ही, केंद्र सरकार से जनवितरण प्रणाली के माध्यम से अपनी उपज का आधा हिस्सा खरीदने का आग्रह किया गया है। इन संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जो किसान वन विभाग की जमीन पर अब तक खेती कर रहे हैं उन्हें जल्द रिकॉर्ड राइट्स दिए जाएं। प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए कर्नाटक राज्य रैयत संघ के प्रदेश संयोजक नागप्पा हुंडी ने हाल में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडु के एक बयान की आलोचना की। अपने बयान में नायडु ने कहा था कि किसानों के ऋण माफ करने की मांग इन दिनों एक प्रकार का फैशन बनती जा रही है। उधर, बल्लारी जिले में विभिन्न किसान संगठनों ने भी कर्ज माफी की मांग पर डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय का घेराव किया और इनके कार्यकर्ता कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। उनकी मांग थी कि कृषि को उद्योग मानते हुए इस काम में लगे लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं और सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं। इनकी मांगों में किसानों के हितों के संरक्षण के लिए कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की सिफारिशों को लागू करना भी शामिल था। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के बारे में डिप्टी कमिश्नर डॉ रामप्रसाद को एक ज्ञापन सौंपा।बेलगावी से मिली खबरों के मुताबिक, ऐसी ही मांगों के साथ हजारों किसानों ने रानी चन्नम्मा सर्किल पर रास्ता रोको आंदोलन आयोजित किया। उन्होंने चीनी मिलों में अपने लंबित भुगतान तत्काल जारी करवाने और गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य ३५०० रुपए प्रति टन करने की मांग की। फसल को मौसम की अनिश्चितता के कारण होने वाले नुकसान का मुआवजा देने, कृषि के लिए अबाध बिजली आपूर्ति करने, गुणवत्ताहीन बीज बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने की मांगें भी प्रमुख रूप से रखी गईं। शाम को डिप्टी कमिश्नर जयराम से हुई बातचीत के बाद इन किसानों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया।

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