डोरंडा गबन मामले में लालू यादव को 5 साल की कैद, 60 लाख रु. जुर्माना

डोरंडा गबन मामले में लालू यादव को 5 साल की कैद, 60 लाख रु. जुर्माना

डोरंडा मामले में लालू प्रसाद सहित 38 की सजा पर बहस पूरी हो गई थी


रांची/भाषा। चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए के गबन मामले में दोषी करार दिए गए लालू प्रसाद यादव को पांच वर्ष की कैद एवं 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

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बता दें कि डोरंडा मामले में लालू प्रसाद सहित 38 की सजा पर बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद सजा का ऐलान किया गया। विशेष सीबीआई अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दोपहर डेढ़ बजे फैसला सुनाया।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने सजा के बिंदु पर दोपहर बारह बजे से इस मामले में पक्षकारों को सुना और लगभग चालीस मिनट में सुनवाई पूरी कर ली गई।

लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की उम्र लगभग 75 वर्ष हो चुकी है और वे 17 विभिन्न तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसे में उन्हें सजा देते समय रहम दिल होकर विचार किया जाए।

इसी प्रकार अनेक अन्य अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि इस मामले में 26 साल तक मुकदमा चला है जो अपने आप में एक सजा है, अतः उनकी बीमारी और उम्र के कारण अदालत रहम करते हुए कम से कम सजा सुनाए।

पक्षकारों का तर्क सनुने के बाद विशेष अदालत ने मामले में फैसला दोपहर डेढ़ बजे सुनाने की बात कही।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत 38 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी।

चारा घोटाले में गबन के मामलों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और तब वह 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे।

चारा घोटाले में 30 सितंबर, 2013 को पहली बार चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ रुपए गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया और जेल भेजा। बाद में अदालत ने तीन अक्टूबर को उन्हें पांच वर्ष कैद और दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी जिसके बाद वह यहां बिरसा मुंडा जेल में 13 दिसंबर, 2013 तक बंद रहे।

लालू यादव को इस मामले में 13 दिसंबर, 2013 को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिली।सीबीआई के विशेष अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि विशेष अदालत ने शनिवार को कहा था कि वह सभी 38 दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सजा सुनाएगी और उसी के अनुरूप दोपहर 12 बजे से मामले में सजा पर सुनवाई प्रारंभ हुई, जो लगभग 40 मिनट तक चली।

सिंह ने बताया कि इन 38 दोषियों में से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं।

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