जयपुर: अब एसएमएस अस्पताल में रोगी को बताना होगा अपना धर्म, ये है वजह

जयपुर: अब एसएमएस अस्पताल में रोगी को बताना होगा अपना धर्म, ये है वजह

सांकेतिक ​चित्र

जयपुर/भाषा। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध अस्पतालों में एक नई व्यवस्था की गई है जिसमें पंजीकरण कराने वाले रोगी को अपने धर्म की जानकारी भी देनी होगी। अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य जनसंख्या विशेष में रोगों का डेटाबेस तैयार करना है।

Dakshin Bharat at Google News
एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा ने कहा, इसमें कुछ भी नया नहीं है। धर्म, लिंग, आयु व इलाके जैसी इस जानकारी से चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान आदि के लिए डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलती है। इससे किसी जनसंख्या या इलाके विशेष में अगर कोई बीमारी ज्यादा है तो उसे चिह्नित करने में भी आसानी रहती है।

उन्होंने कहा, यह व्यवस्था इसी मंशा से की गयी है। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विटामिन डी की कमी मुस्लिम महिलाओं में अधिक पाई जाती है जबकि पेनाइल केरसीनोमा हिंदुओं में अधिक पाया जाता है। चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान के लिए ऐसी जानकारी जुटाना बहुत महत्वपूर्ण है।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने यह आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि उसके अस्पतालों में आने वाले रोगियों का पूरा ब्योरा पंजीकरण के समय भरा जाना चाहिए। एसएमएस अस्पताल ने प्री ओपीडी फॉर्म की प्रक्रिया शुरू की है जिसमें रोगी को सारी जानकारी देनी होगी।

अधिकारियों के अनुसार यह व्यवस्था एसएमएस अस्पताल में लागू की गई है और संबद्ध अस्पतालों में भी यह शुरू किए जाने की संभावना है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

पुण्य जैसे ही कमजोर होता है, हम गलत पर गलत निर्णय लेते जाते हैं: डॉ. समकित मुनि पुण्य जैसे ही कमजोर होता है, हम गलत पर गलत निर्णय लेते जाते हैं: डॉ. समकित मुनि
'जब हम स्वयं को पहचान लेते हैं, तब संसार सागर में भटकना नहीं पड़ता'
संकल्प शक्ति से ही विकास यात्रा संभव है: कमलमुनि कमलेश
भक्त से भगवान बनने की यात्रा है भक्तामर: संतश्री वरुणमुनि
नवकार मंत्र का निरंतर जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति संभव: आचार्यश्री प्रभाकरसूरी
अंकुश का काम करते हुए सबको नियंत्रण में रखते हैं सद्गुरु: आचार्यश्री विमलसागरसूरी
आंखें ही मन का सबसे बड़ा दर्पण होती हैं: संतश्री ज्ञानमुनि
परमात्मा व प्रकृति से जुड़कर अपनी आंतरिक शक्ति को जगाएं: सुधांशु महाराज