ममता का संयुक्त राष्ट्र वाला बयान गैर-जिम्मेदाराना: रेड्डी
ममता का संयुक्त राष्ट्र वाला बयान गैर-जिम्मेदाराना: रेड्डी
हैदराबाद/भाषा। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को केन्द्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शुक्रवार को ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बताते हुए कहा कि सीएए से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कोई लेना-देना नहीं है।
यह रेखांकित करते हुए कि भारत पहले भी कई आव्रजकों को नागरिकता दे चुका है, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि केन्द्र विभिन्न राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और दो बार परामर्श जारी कर चुका है।रेड्डी ने फोन पर कहा, पिछले साढ़े पांच साल में भी हम पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुछ लोगों को नागरिकता दे चुके हैं। यह मुसलमानों को भी दी गई है। यह (सीएए) किसी धर्म या क्षेत्र के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी बेहद गैर-जिम्मेदाराना तरीके से संयुक्त राष्ट्र की भूमिका चाहती हैं। यह दूसरे देश को अपने मामले में हस्तक्षेप के लिए न्योता देना है।
रेड्डी ने कहा, मुझे नहीं पता है कि एक राज्य की मुख्यमंत्री होने के बावजूद वह ऐसी गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी कैसे कर रही हैं। बनर्जी ने भाजपा को ‘चेतावनी’ देते हुए गुरुवार को कहा था कि वह सीएए और प्रस्तावित एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह व्यापक मत हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी।
बनर्जी ने यहां रानी रशमोनी एवेन्यू में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देश में हिन्दू और मुसलमानों के बीच लड़ाई के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, भाजपा को बहुमत मिला है, इसका मतलब यह नहीं है कि जो वह चाहती है, कर सकती है। यदि भाजपा में साहस है तो उसे सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराना चाहिए।
देश के कुछ हिस्सों में हो रहे प्रदर्शनों के संबंध में सवाल करने पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा, हम लगातार राज्यों को निर्देश दे रहे हैं। अभी तक हमने दो बार परामर्श जारी किया है। कानून-व्यवस्था राज्य का मामला है। हमने उनसे सतर्क रहने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है।
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