अविश्वास प्रस्ताव विफल होने को लेकर आश्वस्त हैं मोदी

अविश्वास प्रस्ताव विफल होने को लेकर आश्वस्त हैं मोदी

नई दिल्ली/एजेन्सीतेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के हाथ बुधवार को एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का मौका मिला, यह इस साल में दूसरा प्रयास था। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बुधवार को इसे स्वीकार कर लिया, जो इस बात की तरफ साफ इशारा है कि सरकार पूरी तरह आश्वस्त है कि अविश्वास प्रस्ताव से उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। शुक्रवार को इस प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी। विपक्ष को उम्मीद थी कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर सहमत होने से पहले थो़डा समय लेगी, जिससे सरकार पर हमलावर होने का विपक्ष को पूरा मौका मिलेगा, लेकिन सरकार जनता के बीच ऐसा कोई संदेश नहीं देना चाहती कि पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद वह फ्लोर टेस्ट से बच रही है। भाजपा की योजना है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों को ऐसे अवसरवादी गठबंधन के तौर पर पेश किया जाए, जिनकी मोदी विरोध के अलावा कोई समान विचारधारा नहीं है। एनडीए के प्रवक्ता अपनी नीतियों को यूपीए सरकार के मुकाबले बेहतर बताने की कोशिश करेंगे, विकास में तेजी, डिजिकरण, बेनामी कानून, आधार को लिंक करना आदि योजनाओं को अर्थव्यवस्था को साफ करने की कोशिश की गई है। विपक्ष यह बात अच्छी तरह जानता है कि नंबर गेम उनके खिलाफ है, और वह इस पूरे मामले पर बहस के दौरान कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर होने की कोशिश करेंगे। साथ ही गैर एनडीए दलों के एकजुट होने का संदेश देने की कोशिश भी की जाएगी। कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने बताया, ’’हम कीमतों ब़ढोतरी, असहिष्णुता में ब़ढावा, जीएसटी लागू करने में ग़डब़डी, नोटबंदी से हुई परेशानी, किसानों की परेशानी और एमएसपी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे।’’

Dakshin Bharat at Google News
शिवसेना ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि वह शुक्रवार को लोकसभा में प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में शिवसेना के मुख्य सचेतक चंद्रकांत खैरे ने पार्टी के सभी सांसदों को व्हिप जारी कर तेलुगुदेशम् पार्टी की ओर से सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद रहने और इसके खिलाफ मतदान करने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से इस संबंद्ध में बात की थी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का यह घटक दल अविश्वास प्रस्ताव का खुलकर विरोध करे और प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करे। शिवसेना के लोकसभा में १८ सदस्य हैं्। केंद्र में सरकार में शामिल होने के बावजूद शिवसेना के नेता पिछले कुछ समय से विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं्। तेलुगुदेशम् पार्टी सदस्य के. श्रीनिवास ने बुधवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिस पर चर्चा और मतदान के लिए अध्यक्ष ने शुक्रवार का समय तय किया है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर चार साल में देश को कुशासन देने, अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने तथा वादे पूरे नहीं करने जैसे कई आरोप लगाए और कहा कि इन्हीं कारणों से उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है और इसका मकसद उसे आईना दिखाना है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने गुरुवार को संसद भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संख्या बल अहम नहीं है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि किस आधार से यह प्रस्ताव लाया गया है। इस सरकार ने चार साल के दौरान देश की जनता को भ्रमित किया है, हर मोर्चे पर असफल रही है और देश की जनता को गुमराह करने का काम किया है इसलिए उसके खिलाफ यह प्रस्ताव पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है, रुपया टूट रहा है, बैंकों का पैसा लुट रहा है, सत्ता तक पहुंच रखने वाले लोगों की चांदी है और वे सत्तासीनों से संपर्क का फायदा उठाकर बैंकों को लूट रहे हैं और विदेश भाग रहे हैं्। कुव्यवस्था इस तरह फैल गयी है कि बैंका का कर्ज सिर्फ ३० से ३५ प्रतिशत तक ही लौट रहा है। निवेश घट रहा है और बैंकों में जमा दर सात प्रतिशत घट गयी है।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download