पाकिस्तान: ईशनिंदा के आरोप में उग्र भीड़ ने धर्मगुरु को पीट-पीटकर मार डाला
स्थानीय मौलवी निगार आलम पर सैकड़ों ने लोगों हमला कर दिया था
भीड़ के हमले के दौरान आलम की मौत हो गई थी
पेशावर/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में एक धर्मगुरु को गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। घटना उस समय हुई, जब खैबर पख्तूनख्वा के मरदान में एक राजनीतिक रैली के दौरान उग्र भीड़ ने उस व्यक्ति पर धावा बोल दिया।
मरदान के ऑपरेशंस वरिष्ठ अधीक्षक रोखनजेब खान ने बताया कि शनिवार रात सांवल ढेर इलाके में पीटीआई की रैली हो रही थी। उन्होंने कहा कि एक स्थानीय मौलवी निगार आलम पर सैकड़ों ने लोगों हमला कर दिया था।उन्होंने कहा, जब हमने देखा कि लोग भड़क गए हैं और निगार पर हमला करने की योजना बना रहे हैं, तो हम उसे बाज़ार में एक दुकान तक ले गए, लेकिन भीड़ ने दुकान में घुसकर उस पर लात-घूसों और डंडों से हमला कर दिया।
उन्होंने कहा कि भीड़ के हमले के दौरान आलम की मौत हो गई थी। वहीं, जिला पुलिस कार्यालय (डीपीओ) नजीबुर रहमान ने बताया कि पुलिस ने बाद में भीड़ को तितर-बितर किया और शव बरामद किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया और जांच की जा रही है।
यह पहली बार नहीं है, जब मरदान में ईशनिंदा के आरोप में किसी व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला गया हो। मरदान में अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन के छात्र 23 वर्षीय मशाल खान को भी 23 अप्रैल, 2017 को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था।
मशाल खान की लिंचिंग उनके विश्वविद्यालय के परिसर के भीतर हुई थी। वह घटना कैमरों में रिकॉर्ड हो गई थी, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया था। उस भयानक घटना ने कई देशों को झकझोर कर रख दिया था। हालांकि पाकिस्तान में उसके बाद भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। दिसंबर 2021 में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंथा कुमारा को उग्र भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में ज़िंदा जला दिया था। हाल में एक चीनी अधिकारी भी उग्र भीड़ के हमले में बाल-बाल बचा था।