कोरोना महामारी में कितनी फीकी पड़ी अमेरिकी नौकरी की चमक?

कोरोना महामारी में कितनी फीकी पड़ी अमेरिकी नौकरी की चमक?

कोरोना महामारी में कितनी फीकी पड़ी अमेरिकी नौकरी की चमक?

प्रतीकात्मक चित्र। स्रोत: PixaBay

मुंबई/भाषा। भारतीयों के लिए विदेश में नौकरी की बात आने पर अमेरिका सबसे पसंदीदा गंतव्य है। लेकिन हाल के समय में अमेरिका में अवसरों को लेकर भारतीयों की रुचि काफी कम हुई है। वैश्विक जॉब पोर्टल इंडीड की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में रोजगार की तलाश को लेकर ‘सर्च’ में काफी कमी आई है।

रिपोर्ट के अनुसार जून, 2020 में अमेरिका में नौकरी की तलाश से संबंधित ‘सर्च’ घटकर 42 प्रतिशत रह गया। जनवरी, 2019 में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत के उच्च स्तर पर था। हालांकि, इसके बावजूद नौकरी करने के लिहाज से अमेरिका भारतीयों का पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है।

रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में नौकरी के लिए भारतीयों की रुचि घटने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी है। इसके अलावा अमेरिका की आव्रजन नीति को सख्त किया जाना भी इसकी एक वजह है। इस रिपोर्ट के आंकड़े इंडीड के मंच पर नौकरी की तलाश के लिए किए गए सर्च के विश्लेषण से जुटाए गए हैं।

हालांकि, भारतीयों में विदेश में नौकरी का आकर्षण कायम है। रिपोर्ट कहती है कि विदेश में भारतीय प्रौद्योगिकी, प्रशासन और प्रबंधन तथा बिक्री और उपभोक्ता विपणन जैसे क्षेत्रों में काम करना पसंद करते है। इस अवधि के दौरान कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया तथा कतर में नौकरी की तलाश के लिए सर्च में इजाफा हुआ है।

समूह के रूप में बात की जाए, तो भारतीय मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नौकरी की तलाश करते हैं। अमेरिका में नौकरी के लिए किए गए 10 में से नौ सर्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र से संबंधित नौकरियों कें लिए थे।

इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने कहा, ‘भारत एक विशिष्ट बाजार है। सिर्फ इस दृष्टि से नहीं कि यहां युवा काम करने योग्य आबादी है, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। भारत दुनिया के उन देशों में से है जहां ‘मोबिलटी’ की दर काफी ऊंची है। भारत के लोग दुनिया के दूसरे देशों में काम करना चाहते हैं और वे मौका मिलने पर देश भी वापस लौटना चाहते हैं।’

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