जिसे मुर्दा मानकर अंतिम संस्कार कर दिया, वह एक हफ्ते बाद ज़िंदा लौट आया!

जिसे मुर्दा मानकर अंतिम संस्कार कर दिया, वह एक हफ्ते बाद ज़िंदा लौट आया!

जिसे मुर्दा मानकर अंतिम संस्कार कर दिया, वह एक हफ्ते बाद ज़िंदा लौट आया!

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

जयपुर/दक्षिण भारत। यह सुनने में पुनर्जन्म या बॉलीवुड की किसी फिल्मी कहानी जैसी लग सकती है। राजस्थान में एक शख्स का उसके परिजन ने यह मानकर अंतिम संस्कार कर दिया कि अब वह दुनिया में नहीं रहा, लेकिन एक सप्ताह बाद ही वह सही-सलामत घर लौट आया।

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मामला राजसमंद जिले का है। यहां एक परिवार ने शव की पहचान करते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। अब सप्ताहभर बाद वह शख्स ज़िंदा लौटा तो परिवार वाले हैरान हैं। इसके पीछे चिकित्साकर्मियों में तालमेल संबंधी गलती बताई जा रही है, जिससे परिवार ने किसी अन्य व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया।

जानकारी के अनुसार, कांकरोली निवासी ओंकार लाल (40) परिवार को बिना सूचना दिए उदयपुर चला गया था। उसे शराब की लत है। इस दौरान पेट में दिक्कत हुई तो अस्पताल में भर्ती हो गया।

उसी दिन मोही निवासी गोवर्धन प्रजापत की भी तबीयत खराब हुई और उसे आरके अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इस संबंध में कांकरोली के थाना प्रभारी योगेंद्र व्यास ने बताया कि पुलिस को अस्पताल अधिकारियों ने सूचित किया कि मुर्दाघर में एक शव तीन दिन से है और अब तक कोई परिचित नहीं आया है। इसके बाद शिनाख्त के लिए फोटो जारी कर दी गई।

15 मई को करीब एक दर्जन लोग अस्पताल पहुंचे और उन्होंने यह कहते हुए शव पर दावा किया कि वह ओंकार लाल का है। उन्होंने बिना पोस्टमार्टम किए ही शव ले जाने का अनुरोध किया। बताया गया कि शव के हाथ पर एक निशान था। इसके अलावा शारीरिक बनावट के कारण परिवार ने उसकी पहचान ओंकार के तौर पर कर ली।

परिवार ने उसी दिन शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उन्होंने अंतिम क्रियाओं से संबंधित सभी रस्में निभाते हुए ओंकार के बच्चों के बाल भी कटवा दिए। उनके आश्चर्य का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा जब 23 मई को अचानक ओंकार घर आ गया। तब पता चला कि उन्होंने किसी और का अंतिम संस्कार कर दिया है। घटना आसपास काफी चर्चा में है।

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