किसान आंदोलन: विपक्ष पर मोदी का प्रहार- डेयरी वाला दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो पशु ले जाता है क्या?

किसान आंदोलन: विपक्ष पर मोदी का प्रहार- डेयरी वाला दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो पशु ले जाता है क्या?

किसान आंदोलन: विपक्ष पर मोदी का प्रहार- डेयरी वाला दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो पशु ले जाता है क्या?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कच्छ में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया

कच्छ/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के कच्छ में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने महान स्वतंत्रता सेनानी और देश के पूर्व गृहमंत्री सरदार पटेल का स्मरण किया। उन्होंने कहा, आज गुजरात और देश के महान सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेलजी की पुण्यतिथि भी है। केवड़िया में उनकी दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा हमें दिन-रात एकजुट होकर देश के लिए काम करने की प्रेरणा देती है।

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मोदी ने कहा कि आज कच्छ में भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। सोचिए, हमारे कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क। जितना बड़ा सिंगापुर व बेहरीन देश है, उतना बड़ा कच्छ में हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क होने वाला है।

मोदी ने कहा कि एक समय कहा जाता था कि कच्छ इतनी दूर है, विकास का नामोनिशान नहीं है। कनेक्टिविटी नहीं है। चुनौती का एक प्रकार से ये दूसरा नाम था। आज स्थिति ऐसी है कि लोग सिफारिश करते हैं, कुछ वक्त कच्छ में काम करने के लिए।

मोदी ने कहा कि भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया। कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है। आज कच्छ की पहचान बदल गई है।

मोदी ने कहा कि एक समय था जब गुजरात के लोगों की मांग थी कि कम से कम रात में खाना खाते समय तो बिजली मिल जाए। आज गुजरात देश के उन राज्यों में से है, जहां शहर हो या गांव, 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जाती है।

मोदी ने कहा कि गुजरात में खेती के परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है। फसलों की विविधता पर फोकस किया गया। कच्छ सहित गुजरात में किसान ज्यादा मांग वाली फसलों की तरफ मुड़ गए। सिर्फ 1.5 दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है।

मोदी ने कहा कि किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या?

मोदी ने कहा कि देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए। कृषि सुधारों की मांग वर्षों से की जा रही थी। अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए।

मोदी ने कहा कि आज जो लोग विपक्ष में बैठकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं, वो भी अपने समय में इन सुधारों का समर्थन करते रहे हैं। वो किसानों को बस झूठे दिलासे देते रहे। जब देश ने ये कदम उठा लिया तो वो अब किसानों को भ्रमित कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि मैं किसान भाई-बहनों से फिर कह रहा हूं कि उनकी हर शंका के समाधान के लिए सरकार 24 घंटे तैयार है। किसानों का हित पहले दिन से हमारी सरकार की प्राथमिकता रहा है।

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