…जब योगी की आंखें हो गई नम

…जब योगी की आंखें हो गई नम

गोरखपुर। दिवाली के अगले ही दिन दो खबरों ने मीडिया सुर्खियों पर कब्जा बना लिया। पहली खबर तो यह कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या के विवादित राम मंदिर जाकर कथित धर्मनिरपेक्षता का बाना ओ़ढने वाले विपक्ष को चुप करवाने की नई दलील ईजाद कर ली। उन्होंने विपक्ष से अपने अयोध्या दौरे की आलोचना करने का अधिकार छीनते हुए कहा कि राम के दर्शन करना उनकी व्यक्तिगत आस्था का विषय हैै। इसे राजनीतिक चश्मे से देखने का अधिकार किसी को नहीं है।उनकी इस दलील पर चर्चा शुरू हुई ही थी कि एक और खबर ने खास तौर पर सोशल मीडिया पर धमाल मचा दिया। वह अयोध्या जाने से पहले दिवाली के ही दिन अपने गृहनगर गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम एक दिया शहीदों के नाम’’ में शिरकत कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान जैसे ही फिल्म बॉर्डर का एक हिट गाना ‘संदेशे आते हैं, हमें त़डपाते हैं, चिट्ठी आती है’’ बजाया गया, वैसे ही योगी आदित्यनाथ की आंखें बरस प़डीं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर टकटकी बांधे रखने वालों के बीच तत्काल वायरल हो गया। शहीदों की शहादत पर बहने वाली आंसूं की बूंदें एक देशभक्त की नर्मदिली और कोमल भावनाओं का संकेत देती हैं्। फिर आंसू बहाते हुए नजर आनेवाला व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी का फायरब्रांड नेता और अक्ख़ड समझा जाने वाला वक्ता योगी आदित्यनाथ हो तो यह कोमलता हर किसी का ध्यान आकृष्ट कर ही सकती है। बताया जा रहा है कि उनके आंसुओं का असर भी काफी सकारात्मक रहा, नतीजा यह रहा कि गोरखपुर के कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के सोशल नेटवर्क ग्रुप्स में भी योगी का वीडियो वायरल हो गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने शहीदों को याद करते हुए गीत गाए और मंदिर के भीम सरोवर के चारो ओर ११ हजार दिए जलाए, जिससे भीम सरोवर जगमगा उठा था।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

सेवा का मार्ग सेवा का मार्ग
युवाओं को हमेशा अन्य विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए
राहुल गांधी ने भारत की संवैधानिक संस्था को बदनाम कर भारत का अपमान किया: एन. रवि कुमार
पहली बार खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार 1 लाख 70 हजार करोड़ रु. के पार
जम्मू-कश्मीर: पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया आतंकी हमला
शक्ति दुबे ने सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया
गृह मंत्रालय ने आतिशी की सुरक्षा 'जेड' से घटाकर 'वाई' श्रेणी करने का निर्देश दिया
'शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के लिए किसी जाति को अलग समूहों में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता'