खुद को अविवाहित बताने वाला फलाहारी बाबा है शादीशुदा

खुद को अविवाहित बताने वाला फलाहारी बाबा है शादीशुदा

  • आश्रम के प्रमुख पदों पर अपने संबंधियों को कर रखा है नियुक्त

रेवाड़ी(हरियाणा)। अभी बाबा बनकर युवतियों की अस्मत से खिलवाड़ करने वाले बलात्कारी राम रहीम का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा है कि राजस्थान के अलवर स्थित काला कुुआं में दिव्य धाम संचालित करने वाले कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य फलाहारी महाराज नामक बाबा पर उसकी ही अनुयायी युवती ने यौन शोषण का आरोप लगा दिया। यह युवती सर्वोच्च न्यायालय में इंटर्नशिप कर चुकी है और फलाहारी बाबा को अपनी पहली कमाई अर्पण करने के लिए उसके अलवर स्थित दिव्य धाम गई थी जहां पर फलाहारी बाबा ने उसका यौन शोषण किया। पीड़िता ने 20 सितम्बर को अरावली विहार थाने में अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। अब शिकायत दर्ज कराने वाली लड़की के पिता ने भी फलहारी बाबा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित लड़की के पिता ने आरोप लगाया है कि खुद को अविवाहित बताने वाला फलाहारी बाबा वास्तव में शादीशुदा है और कुछ महीने पहले ही उसने अपनी एक पुत्री का विवाह भी करवाया है।

पीड़िता के पिता ने दावा किया है कि फलाहारी बाबा तीन भाई हैं और उसके दो छोटे भाई छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश में आश्रम संचालित कर रहे हैं। पीड़िता के पिता का यह भी कहना है कि फलाहारी बाबा ने कई और अन्य युवतियों को अपना शिकार बनाया है और यदि इस मामले की पुलिस सही ढंग से गहराई में जाकर जांच करे तो इस प्रकार के और भी मामलों के सामने आने की गुंजायश है। ज्ञातव्य है कि कानून की पढाई कर रही छात्रा द्वारा फलाहारी बाबा पर यौन शोषण करने का आरोप लगाने के बाद से ही बाबा एक निजी अस्पताल में भर्ती था जिसे आज शनिवार को गिरफ्तार कर 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबा 30 वर्ष पूर्व अलवर आया था और दिव्य धाम की स्थापना की थी। मूल रुप से वह उत्तरप्रदेश के कौशांबी का रहने वाला है और उसकी शिक्षा दीक्षा अयोध्या में हुई है। इसने अलवर स्थित दिव्य धाम में अपने भांजे सुदर्शनाचार्य को आचार्य नियुक्त कर रखा है। इसके साथ ही इसके अन्य आश्रमों में प्रमुख पदों पर भी इसके संबंधी ही कार्य कर रहे हैं। फलाहारी बाबा के आश्रमों में हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के अवसर पर एक बड़े धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। इस अवसर पर इसके अलवर तथा छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश स्थित आश्रमों में चंदे के रुप में करोड़ों रुपए प्राप्त होते हैं। पिछले 30 वर्षों में फलाहारी बाबा ने अपने भक्तों की आंखों में धूल झोंक कर करोड़ों रुपए की संपत्ति बनाई है। इस बाबा द्वारा कथित तौर पर लोगों को ब्याज पर पैसे देने का आरोप भी लगाया जा रहा है।

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