सीबीएसई के 10वीं कक्षा के परिणाम में लड़कियों ने फिर बाज़ी मारी

सीबीएसई के 10वीं कक्षा के परिणाम में लड़कियों ने फिर बाज़ी मारी

सीबीएसई के 10वीं कक्षा के परिणाम में लड़कियों ने फिर बाज़ी मारी

फोटो स्रोतः PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए जिसमें लड़कियों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत लड़कों की तुलना में 3.17 प्रतिशत अधिक रहा। 10वीं कक्षा में त्रिवेंद्रम क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा, जहां के छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 99.28 रहा।

Dakshin Bharat at Google News
सीबीएसई ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष मेधा (मेरिट) सूची जारी नहीं करने का निर्णय लिया। बोर्ड ने ‘फेल’ के स्थान पर ‘आवश्यक पुनरावृत्ति’ शब्दावली का इस्तेमाल किया।

सीबीएसई द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस वर्ष 10वीं कक्षा में कुल 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जबकि 2019 में 91.10 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए थे। यानी, पिछले साल की तुलना में इस साल 0.36 प्रतिशत अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए।

इस साल लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 93.31 रहा, जबकि लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 90.14 रहा और ट्रांसजेंडर का उत्तीर्ण प्रतिशत 78.95 रहा। इस परीक्षा में 41,804 छात्रों को 95 प्रतिशत से अधिक अंक मिले, जबकि 1,84,358 छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए ।

इस वर्ष 20,387 स्कूलों में 5377 परीक्षा केंद्रों पर 10वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इसमें 18,85,881 छात्रों ने परीक्षा देने के लिये पंजीकरण कराया था और 18,73,015 छात्र परीक्षा में बैठे थे। इनमें से 91.46 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए।

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

सेवा का मार्ग सेवा का मार्ग
युवाओं को हमेशा अन्य विकल्पों को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए
राहुल गांधी ने भारत की संवैधानिक संस्था को बदनाम कर भारत का अपमान किया: एन. रवि कुमार
पहली बार खादी और ग्रामोद्योग का कारोबार 1 लाख 70 हजार करोड़ रु. के पार
जम्मू-कश्मीर: पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया आतंकी हमला
शक्ति दुबे ने सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया
गृह मंत्रालय ने आतिशी की सुरक्षा 'जेड' से घटाकर 'वाई' श्रेणी करने का निर्देश दिया
'शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के लिए किसी जाति को अलग समूहों में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता'