सोशल मीडिया अकाउंट को आधार के साथ जोड़ने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर

सोशल मीडिया अकाउंट को आधार के साथ जोड़ने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर

सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली/भाषा। फर्जी अकांउटों पर लगाम लगाने के लिए सोशल मीडिया खातों को आधार, पैन या मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने के लिए कदम उठाने का केंद्र सरकार को निर्देश देने के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को एक जनहित याचिका दायर की गई।

भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह याचिका दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि फर्जी सोशल मीडिया अकाउंटों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान ‘फर्जी खबरें एवं पेड न्यूज’ का प्रसार करने के लिए होता है।

उन्होंने केंद्र को यह आदेश देने का अनुरोध किया कि वह खासकर आचार संहिता लागू होने की स्थिति में फर्जी खबरों एवं पेड न्यूज का प्रसार रोकने के लिए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंटों को डिएक्टीवेट करे।

उपाध्याय ने याचिका में दावा किया है कि पैसे देकर छपवाई जाने वाली खबरों और फर्जी खबरों को प्रकाशित करने या उन्हें प्रकाशित करने को बढ़ावा देने से रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता, जन प्रतिनिधि कानून और सूचना प्रौद्योगिकी कानून में संशोधन किए जाने की आवश्यकता है।

उच्चतम न्यायालय ने 14 अक्टूबर को उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उपाध्याय ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने की स्वतंत्रता दी थी।

उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया के खातों को आधार के साथ जोड़ने को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाएं मंगलवार को अपने यहां स्थानांतरित कर ली थीं।

उपाध्याय ने याचिका में अनुरोध किया है कि अदालत फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया के खातों को आधार से जोड़ने के लिए केंद्र को निर्देश दे और ‘फेक और पेड न्यूज’ पर अंकुश पाने के लिए निर्वाचन आयोग और भारतीय प्रेस परिषद को उचित कदम उठाने का निर्देश दे।

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