गूगल गुरु का स्थान नहीं ले सकता : उपराष्ट्रपति

गूगल गुरु का स्थान नहीं ले सकता : उपराष्ट्रपति

विशाखापत्तनम। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शिक्षकों और शिक्षा की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि गूगल कभी भी गुरु का स्थान नहीं ले सकता। उन्होंने छात्रों से असामाजिक तत्वों से प्रभावित ना होने के लिए कहा, जो विश्वविद्यालयों में अराजकता पैदा करने की कोशिश करते हैं।नायडू ने यहां आंध्र विश्वविद्यालय की एलुमनी मीट में शनिवार को कहा, गूगल कभी भी गुरु का स्थान नहीं ले सकता। एक गुरु केवल अकादमिक शिक्षा ही नहीं देता बल्कि उसकी गहराई से भी परिचित कराता है। इस विश्वविद्यालय के एलुमनी उपराष्ट्रपति ने एयू कॉलेज ऑफ लॉ की अपनी कक्षा में थो़डा वक्त बिताया और छात्रों के साथ अपनी यादें साझा की। नायडू ने कहा, समाज के कुछ वर्ग अपनी स्वार्थी योजनाओं के लिए विश्वविद्यालयों में अराजकता को हवा दे रहे हैं। उन्होंने छात्रों से ऐसे असामाजिक तत्वों के विचारों से प्रभावित ना होने के लिए कहा। उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय से शोध पर ध्यान देने और अपने अकादमिक स्तर में सुधार लाने के लिए कहा।उन्होंने कहा कि आंध्र विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से ए ग्रेड मिला है लेकिन उसे ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने के लिए शिक्षण, शोध के लिहाज से अपनी गुणवत्ता में सुधार लाने की जरुरत है। उन्होंने विश्वविद्यालय की कन्वेंशन सेंटर इमारत का भी उद्घाटन किया जिसके निर्माण में १३.५ करो़ड रुपए की लागत आई है। नायडू ने विशाखा-भीमिल बीच रोड पर चेपलाउप्पडा गांव का भी दौरा किया और वहां कई विकास कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। उन्होंने इस गांव को गोद लिया था।

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