रेल मंत्रालय लाएगा नई कैटरिंग पालिसी
रेल मंत्रालय लाएगा नई कैटरिंग पालिसी
नई दिल्ली। नई दिल्ली।कैग ने हाल ही में रिपोर्ट जारी की थी कि रेलवे का खाना खाने लायक नहीं है। जिस पर काफी बवाल मचा था। मंगलवार को दिल्ली से कोलकाता आ रही पूर्वा एक्सप्रेस में यात्री के एक खाने में छिपकली मिली थी। इसके बाद यात्री ने सुरेश मंत्री को टैग कर फोटो ट्वीट भी किया था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यात्री ने खाने में वेज बिरयानी ऑर्डर की थी। रेलवे ने इसके बाद 48 घंटे का नोटिस दिया था, जिसके बाद पूर्वा एक्सप्रेस के केटरिंग कॉन्ट्रेक्ट से बर्खास्त कर दिया है। 2016 में इनपर 10 लाख का जुर्माना लगा था, 2017 में 7.5 लाख रुपये का जिसके बाद अब बर्खास्त कर दिया गया है। भारतीय रेलवे की कैटरिंग सर्विस पर कैग की ऑडिट रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में रखी जानी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रेलवे स्टेशनों पर जो खाने-पीने की चीजें परोसी जा रही हैं, वो इंसानी इस्तेमाल के लायक ही नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेनों और स्टेशनों पर परोसी जा रही चीजें प्रदूषित है। डिब्बाबंद और बोतलबंद चीजों को एक्सपायरी डेट के बावजूद बेचा जा रहा है।ज्ञातव्य है कि नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि ठेके बांटने के दौरान भी घोटाला किया गया है। यहां तक कि खाने को गंदगी से बचाने के लिए इसे ढंका तक नहीं जा रहा है। अब रेलवे के अधिकारी करवाई करने की बात कर रहे हैं। जांच में यह भी पाया गया कि रेलवे परिसर और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा। इसके अलावा ट्रेन में बिक रही चीजों के बिल न दिए जाने और इनकी गुणवत्ता में भी कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं। कैग और रेलवे की संयुक्त टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रेल में यात्रियों को दी जा रही खाद्य वस्तुओं के संबंध में ठेकेदारों ने कीमतों के साथ समझौता किया और गुणवत्ता मानकों पर ध्यान नहीं दिया गया है।