क्या ममता के गढ़ में रैलियां कर बंगाल में कमल खिलाएंगे नरेंद्र मोदी?

क्या ममता के गढ़ में रैलियां कर बंगाल में कमल खिलाएंगे नरेंद्र मोदी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। उत्तर प्रदेश के बाद अब मोदी पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। वहां वे मेदिनीपुर जिले में जनसभा को संबोधित करेंगे। बंगाल की राजनीति में दशकों तक कम्युनिस्टों का वर्चस्व रहा है। अब तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में भाजपा बंगाल में अपनी जड़ें जमाने के लिए काफी मेहनत कर रही है।

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद वहां मोदी की यह पहली रैली है। भाजपा नेताओं का दावा है कि मोदी को सुनने करीब 2 लाख लोग आ रहे हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेदिनीपुर में कई जगहों पर ममता बनर्जी के पोस्टर लगाए हैं।

भाजपा के आने से कड़ा होगा मुकाबला
आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस बार भाजपा बंगाल में खासी बढ़त का इरादा बना चुकी है। मोदी के बाद अमित शाह भी पश्चिम बंगाल जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। वे हाल में ही एक दौरा कर चुके हैं। उनके अलावा भाजपा के कई दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि इस बार लोकसभा चुनावों में यहां मुकाबला और कड़ा होने जा रहा है।

और होंगी रैलियां
पश्चिम बंगाल में भाजपा मोदी के चेहरे के साथ मैदान में है। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि आने वाले समय में पश्चिम बंगाल में मोदी की और रैलियां होंगी। प्रधानमंत्री द्वारा फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने पर सोमवार की रैली में उनका अभिनंदन किया जाएगा। उधर तृणमूल कांग्रेस रैली का जवाब रैली से देने की रणनीति पर काम कर रही है, ताकि मोदी को सुनने लोग कम आएं। इसलिए पूरा शहर ममता बनर्जी के पोस्टरों से पाट दिया गया है।

भाजपा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है बंगाल?
पिछले कुछ वर्षों में बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ा है। अगर 2014 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो वहां भाजपा को दो सीटें मिलीं। वोटों का प्रतिशत 16.80 था। उलुबेरिया लोकसभा उपचुनाव नतीजों में भाजपा को भविष्य के लिए आशा की किरण दिखाई दी, क्योंकि उसे 23.29 प्रतिशत वोट मिले जो 2014 में महज 11.5 प्रतिशत थे। इस तरह भाजपा पश्चिम बंगाल में लगातार अपनी जड़ें जमा रही है।

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