जीरो से हीरो बनने के लिए समता, सहिष्णुता और धैर्य जरूरी: साध्वीश्री सोमयशा
'हमेशा पॉजिटिव रहना चाहिए तथा हर परिस्थिति में समभाव में रहना चाहिए'

'सतत पुरुषार्थ की आवश्यकता है, फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो'
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल एवं प्रेक्षा फाउंडेशन द्वारा निर्देशित तेरापंथ महिला मंडल गांधीनगर द्वारा प्रेक्षा प्रवाह शक्ति एवं शांति के अंतर्गत अर्हम में जीरो से हीरो बनने की कला’ कार्यशाला साध्वीश्री सोमयशाजी के सान्निध्य में सम्पन्न हुई।
अध्यक्ष रिजू डूंगरवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हमें हमेशा पॉजिटिव रहना चाहिए तथा हर परिस्थिति में समभाव में रहना चाहिए, तभी हम जीरो से हीरो बन पाएंगे।साध्वीश्री सोमयशाजी ने कहा कि जीरो से हीरो बनने के लिए, कंकर से शंकर बनने के लिए पाषाण से मूर्ति बनने के लिए, चैतन्य से चिन्मय बनने के लिए जरूरी है जीवन में समता, सहिष्णुता और धैर्य को अपनाया जाए।
साध्वी डॉ. सर्वयशाजी ने कहा कि जीरो से हीरो बनने के लिए सतत पुरुषार्थ की आवश्यकता है, फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो।
साध्वीश्री ऋषिप्रभाजी ने पंचसूत्र आयाम सहन करो, सफल बनो, श्रम करो, सफल बनो, सेवा करो-सफल बनो और स्वभाव बदलो-पवित्र बनो को अपना कर कोई भी सफल बन सकता है तथा
जीवन में कामयाबी हासिल कर सकता है।
साध्वीश्री ने अर्हम की ध्वनि, श्वास प्रेक्षा और ज्योति केन्द्र प्रेक्षा का ध्यान करवाया। बबीता कोठारी ने धन्यवाद दिया।