कर्नाटक चुनाव में पहली बार 'गारंटी' शब्द का इस्तेमाल किया, क्योंकि जो कहते हैं, वह करते हैं: कांग्रेस

जयराम रमेश ने कहा- आज सभी पार्टियां 'गारंटी' शब्द का इस्तेमाल कर रही है'

कर्नाटक चुनाव में पहली बार 'गारंटी' शब्द का इस्तेमाल किया, क्योंकि जो कहते हैं, वह करते हैं: कांग्रेस

Photo: IndianNationalCongress FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि वह साल 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में जनता को यह संदेश देने के लिए गारंटी शब्द का इस्तेमाल करने वाली पहली पार्टी थी कि वह जो कहती है, करती है।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनकी पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए वादा किया है कि अगर वह राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में आई तो जाति सर्वेक्षण कराएगी और 'पूर्वांचलियों' के लिए एक मंत्रालय स्थापित करेगी।

जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, 'आज सभी पार्टियां 'गारंटी' शब्द का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन इस शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस ने साल 2023 में कर्नाटक चुनाव में किया था।'

उन्होंने कहा, 'हम जनता को यह संदेश देना चाहते थे कि कांग्रेस जो कहती है, वह करती है। यह सिर्फ गारंटी नहीं है, बल्कि लोगों का अधिकार है। इसलिए हम गारंटी लेकर आए हैं।'

जयराम रमेश ने कहा, 'कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर 'जय बापू, जय भीम, जय संविधान' अभियान चला रही है। इस अभियान की शुरुआत बेलगावी की रैली से हुई, दूसरी रैली महू में हुई और अब तीसरी रैली तेलंगाना में होगी। हम यह अभियान पूरे साल तक चलाएंगे, क्योंकि आज तीन तरफा आक्रमण हो रहा है। 

उन्होंने कहा, 'एक तरफ आरएसएस-भाजपा गांधीजी के विचारों पर आक्रमण कर रहे हैं, दूसरी तरफ अमित शाह ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया। तीसरी तरफ नरेंद्र मोदी हमारे संविधान पर आक्रमण कर रहे हैं।

जयराम रमेश ने कहा, 'इन्हीं बातों और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों, मध्यम वर्ग, व्यापारियों, छात्रों और आम जनता के लिए जिक्र किया है और अपना घोषणा पत्र तैयार किया है।'

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