सूखा राहत में देरी: सिद्दरामैया बोले- शाह को मतदाताओं से वोट मांगने का नैतिक अधिकार नहीं

उन्होंने कहा कि एचडी कुमारस्वामी को शाह से राज्य को सूखा राहत सहायता देने के लिए कहना चाहिए था

सूखा राहत में देरी: सिद्दरामैया बोले- शाह को मतदाताओं से वोट मांगने का नैतिक अधिकार नहीं

Photo: Siddaramaiah.Official FB page

मैसूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मतदाताओं से वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 

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उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर राज्य के लोगों को धोखा देने और उनके साथ अन्याय करने का आरोप लगाया, विशेषकर सूखा राहत राशि जारी करने में देरी को लेकर।

उन्होंने कहा कि भाजपा के गठबंधन सहयोगी और जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी को शाह से राज्य को सूखा राहत सहायता देने के लिए कहना चाहिए था, जो लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए राज्य के दौरे पर हैं।

सिद्दरामैया ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'अमित शाह आएं या नरेंद्र मोदी आएं या जेपी नड्डा आएं। कोई भी आएं। अमित शाह उच्चाधिकार प्राप्त समिति के प्रमुख हैं, क्या उन्होंने सूखा राहत दी है? उन्हें कर्नाटक की जनता से वोट मांगने का क्या नैतिक अधिकार है?'

उन्होंने कहा, 'क्या उन्होंने (शाह ने) सूखा राहत दी है? अमित शाह इसके (उच्चाधिकार प्राप्त समिति) अध्यक्ष हैं। क्या उन्होंने (केंद्र ने) मेकेदाटु परियोजना को अनुमति दी, महादयी परियोजना को पर्यावरण मंजूरी दी, 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार मुआवजा दिया?'

कर्नाटक ने 240 में से 223 तालुकों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। उनमें से 196 को गंभीर रूप से सूखा प्रभावित के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

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