आईएसआई के हथकंडे

भारतीय सुरक्षा बलों ने एलओसी पर पैनी नजर रखते हुए पाक के कितने ही आतंकवादियों को धराशायी कर दिया

आईएसआई के हथकंडे

अब तो पीओके समेत पूरे पाकिस्तान में आटा, दवाई, बिजली और महंगाई के नाम पर हाहाकार मचा हुआ है

पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने मुल्क की आर्थिक बदहाली से भी सबक लेने को तैयार नहीं है। वहां जो लोग पांच साल पहले आर्थिक रूप से काफी सक्षम थे, उन्हें भी अब आटा लेने के लिए कतारों में लगना पड़ रहा है, लेकिन आईएसआई कश्मीर लेने के ख्वाब देख रही है। इसके लिए नित नए हथकंडे अपना रही है। 

Dakshin Bharat at Google News
भारतीय सुरक्षा बलों ने एलओसी पर पैनी नजर रखते हुए पाक के कितने ही आतंकवादियों को धराशायी कर दिया, लेकिन आईएसआई कश्मीरी युवाओं को पासपोर्ट के जरिए ले जाकर आतंकवाद का प्रशिक्षण देने और बाद में भाड़े के सैनिकों के साथ घाटी में घुसपैठ कराने के तरीकों पर काम कर रही है, जिन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपनी सूझबूझ से नाकाम किया है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की तारीफ की जानी चाहिए। 

इसके जवान और अधिकारी भारतीय सेना और सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आतंकवाद का मुकाबला कर रहे हैं तथा देश की अखंडता बरकरार रखने के लिए बलिदान भी दे रहे हैं। पाक की आतंकी चाल की काट जम्मू-कश्मीर पुलिस ढूंढ़ती रहती है। इसके लिए उसके अधिकारी एलओसी पार से आने वाले आतंकवादियों के तौर-तरीकों का पता लगाकर उनके मंसूबों को विफल कर रहे हैं। 

दरअसल आतंकवादियों के चारों ओर भारतीय सेना और सुरक्षा बलों का घेरा इतना सख्त कर दिया गया है कि पाक को नए आतंकवादियों की 'भर्ती' के लिए पूर्व की तुलना में बहुत मुश्किल से युवा मिल रहे हैं। ऐसे में आईएसआई चाहती है कि किसी भी तरह से घाटी से युवाओं को लाया जाए। इसके लिए शिक्षा, धार्मिक उद्देश्य और सामाजिक कार्यक्रमों का बहाना बनाया जाता है।

पूर्व में जो युवा पाकिस्तान गए, उन्हें भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई थी। उनके मन में भारत सरकार और बहुसंख्यक समुदाय के प्रति नफरत पैदा कर कट्टरपंथ की खुराक दी गई। इसके लिए पाकिस्तानी एजेंसियां सीरिया, इराक और अफगानिस्तान जैसे देशों की हिंसक घटनाओं के वीडियो दिखाकर उन्हें भारत से जोड़ती हैं और युवाओं के मन में आक्रोश का बीज बोती हैं। कट्टरता के माहौल में रहकर कुछ युवा बहकावे में आ जाते हैं। 

जम्मू-कश्मीर पुलिस पाकिस्तान की इस प्रवृत्ति से अच्छी तरह परिचित है, इसलिए उसके अधिकारी बहुत सावधानी के साथ जांच-पड़ताल करते हैं। आईएसआई ने भारत के खिलाफ आर्थिक युद्ध भी छेड़ रखा है। इसके तहत आतंकी समूहों के लिए धन भेजने, नकली नोटों को खपाने के लिए माध्यम ढूंढ़े जाते हैं। पूर्व में समझौता एक्सप्रेस के यात्रियों का इस्तेमाल इन कार्यों के लिए किया जा चुका है, चूंकि उन पर किसी को संदेह नहीं होता था। इस तरह 'सद्भाव' के नाम पर आतंकवाद की आग भड़काने का इंतजाम किया जाता है। 

पिछले साल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कड़ा कदम उठाते हुए स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तानी डिग्री रखने वाले विद्यार्थी भारत में उच्च अध्ययन या रोजगार के लिए पात्र नहीं होंगे। यह कदम उचित ही था। दरअसल हर साल कुछ तादाद में भारतीय विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान जा रहे थे। पाकिस्तानी महाविद्यालयों और संस्थानों का माहौल भारत-विरोधी है। इसका युवा मन पर बुरा असर पड़ता था, इसलिए भारत को सख्त रुख अपनाना पड़ा। यह सख्ती आगे भी जारी रहनी चाहिए। साथ ही पाक की बदहाली का खुलकर जिक्र होना चाहिए। 

अब तो पीओके समेत पूरे पाकिस्तान में आटा, दवाई, बिजली और महंगाई के नाम पर हाहाकार मचा हुआ है। जो देश अपने नागरिकों को रोटी नहीं दे पा रहा है, जिसके प्रधानमंत्री से लेकर सेना प्रमुख तक विदेशों में हाथ फैलाए घूम रहे हैं, वह दूसरों को कैसा भविष्य दे सकता है? जब पाक की बदहाली जोर-शोर से जगजाहिर होगी तो उसके हिमायती तत्त्वों का मोह भंग हो जाएगा।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

गांदरबल हमला: व्यापक तलाशी अभियान का आगाज, सबूत ढूंढ़ने में जुटे एनआईए के अधिकारी गांदरबल हमला: व्यापक तलाशी अभियान का आगाज, सबूत ढूंढ़ने में जुटे एनआईए के अधिकारी
Photo: NIA
हिज़्बुल्लाह ने इज़राइल के हर्मीस-900 ड्रोन को मार गिराने का दावा किया
ये पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोले- 'यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनने के लिए भारत के पास है विश्वसनीयता'
जब तक आतंकी हमले बंद न करे पाक, न हो उसके साथ कोई बातचीत: फारूक अब्दुल्ला
उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक को कक्षा 8 से 10 की अर्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने से रोका
निर्दोष नागरिकों की हत्या करना और हिंसा फैलाना अपराध हैं: प्रियंका वाड्रा
डिजिटल मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा