नवाचार के माध्यम से परिवर्तन का नेतृत्व करें: डॉ. सत्यनारायणन
एसआरएम इंस्टीट्यूट में 'अनुसंधान दिवस' मनाया गया
फैकल्टी और विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र बांटे
कट्टनकुलाथुर/दक्षिण भारत। एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ऑफ टेक्नोलॉजी ने कट्टनकुलाथुर में मंगलवार को 12वां वार्षिक 'अनुसंधान दिवस' मनाया।
कार्यक्रम में भारतीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. उमेश वी. वाघमारे मुख्य अतिथि थे। एसआरएम के प्रो-चांसलर (अकादमिक) डॉ. पी सत्यनारायणन ने विशेष भाषण दिया। इस अवसर पर वाइस चांसलर प्रो. सी मुथमिज़हेलवन, रजिस्ट्रार डॉ. एस पोन्नूसामी, प्रो वाइस चांसलर (मेडिकल) लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) डॉ. ए रविकुमार भी मौजूद थे।अपने संबोधन में डॉ. पी सत्यनारायणन ने कहा कि यदि युवा नेता बनना चाहते हैं, तो उन्हें 'चेंज एजेंट' होना चाहिए। हमें नवाचार के माध्यम से परिवर्तन का नेतृत्व करना चाहिए या इसके नेताओं का अनुसरण करना चाहिए।
अनुसंधान और नवाचार के महत्व के बारे में बताते हुए डॉ. पी सत्यनारायणन ने कहा कि क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए लोगों को लगन और ईमानदारी से अनुसंधान तथा नवाचार करना होगा।
डॉ. सत्यनारायणन ने कहा कि शिक्षा की शुरुआत से ही अनुसंधान को मन में बैठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एसआरएम में उनका मानना था कि अनुसंधान केवल पीएचडी करने वालों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सर्वव्यापी होना चाहिए। न केवल विषयों में, बल्कि सभी स्तरों पर - स्नातक से लेकर पीएचडी तक।
अपने संबोधन में प्रो. वाघमारे ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एसआरएम विज्ञान में अनुसंधान को बहुत अधिक महत्त्व और प्राथमिकता दे रहा है और उनके पास उत्कृष्ट शोधकर्ताओं की अच्छी टीम है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को विज्ञान को आकर्षक विषय मानना चाहिए, क्योंकि यह भौतिक और सामाजिक दुनिया के कुछ पहलुओं की आम समझ पर आधारित साझा ज्ञान है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऊर्जा भंडारण एक ज्वलंत समस्या थी। ऊर्जा भंडारण के लिए निकल, कोबाल्ट और मैंगनीज की कुल उपलब्धता को देखते हुए, साल 2030 के लिए परिकल्पित ऊर्जा भंडारण के लक्ष्यों को पूरा नहीं किया जा सका। समाधान केवल वैश्विक सहयोग के माध्यम से पाया जा सकता है। शोध पत्रों के प्रकाशन के माध्यम से ज्ञान साझा करना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सबका स्वागत करते हुए, प्रो. मुथमिज़हेलवन ने कहा कि एसआरएम का अनुसंधान के लिए महत्त्व सभी प्रमुख रैंकिंग सूचियों - एनआईआरएफ, क्यूएस और शंघाई में इसकी उपस्थिति से परिलक्षित होता है। यह संभव हो सका, क्योंकि उन्होंने पिछले 10 वर्षों में 200 अनुसंधान-गहन फैकल्टी की भर्ती की थी।
उन्होंने बताया कि उनके वार्षिक बजट का 7 प्रतिशत अनुसंधान के लिए समर्पित था। पिछले चार वर्षों में विभिन्न पत्रिकाओं में 4,500 शोध पत्र प्रकाशित हुए और औद्योगिक भागीदारों के सहयोग से 350 शोध पत्र भी प्रकाशित हुए।
प्रो. वाघमारे और डॉ. सत्यनारायणन ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की वैश्विक सूची में उल्लिखित 16 एसआरएम संकाय सदस्यों को सम्मानित किया। उन्होंने उन फैकल्टी को भी सम्मानित किया, जिनके प्रकाशन नेचर इंडेक्स्ड जर्नल्स में प्रकाशित हुए थे।