दो दशक बाद भी महसूस होता है क्रोन्ये प्रकरण का असर, जब क्रिकेट में आया भूचाल
दो दशक बाद भी महसूस होता है क्रोन्ये प्रकरण का असर, जब क्रिकेट में आया भूचाल
लंदन/एएफपी। क्रिकेट को झकझोरने वाले हेन्सी क्रोन्ये भ्रष्टाचार प्रकरण को भले ही दो दशक बीत चुके हों लेकिन अब भी इसका असर महसूस किया जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका ने 2000 की शुरुआत में हुई घटनाओं के बाद क्रोन्ये से कप्तानी छीन ली थी जिसे इस महीने 20 बरस पूरे हो जाएंगे।
इसी साल जनवरी में सेंचुरियन में इंग्लैंड के खिलाफ तीन दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ने के बाद तय माना जा रहा था कि टेस्ट मैच ड्रा होगा लेकिन क्रोन्यो ने नतीजे की आस में विरोधी कप्तान नासिर हुसैन को मना लिया कि दोनों टीमें अपनी एक-एक पारी नहीं खेलेंगी।इसके बाद इंग्लैंड को 249 रन का लक्ष्य मिला और टीम दो विकेट से जीत दर्ज करने में सफल रही। परंपरावादी निराश थे कि टेस्ट मैच में पर्याप्त खेल नहीं हुआ लेकिन कुछ लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार थे। अप्रैल में हालांकि सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक क्रोन्ये की छवि टूट गई।
दिल्ली पुलिस ने पुष्टि की कि उनके पास क्रोन्ये और कथित भारतीय सट्टेबाज के बीच बातचीत की रिकार्डिंग मौजूद है। इसमें फरवरी-मार्च में हुए भारत दौरे के दौरान मेहमान टीम के पहले से तय प्रदर्शन पर चर्चा हो रही थी। स्वदेश और दुनियाभर में क्रोन्ये की छवि के कारण शुरुआत में लोग इस खबर के सामने आने से ‘स्तब्ध और हैरान’ थे।
इस खबर का खुलासा करने वाले एएफपी के दिल्ली स्थिति पत्रकार कुलदीप लाल ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस की आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले जब एएफपी ने इस खबर का खुलासा किया तो मुझे याद है कि डॉ. अली बाकर ने हमारे कार्यालय में फोन करके दक्षिण अफ्रीका के सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए एजेंसी को लताड़ा था।’
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हमारे खिलाफ मुकदमा करने की धमकी दी। मैंने सोचा कि अगर यह खबर गलत हुई तो हमें नई नौकरी तलाश करनी होगी।’ इसके कुछ दिनों बाद हालांकि क्रोन्ये ने आंशिक रूप से अपनी गलती स्वीकार की जिससे एजेंसी के दिल्ली ब्यूरो ने राहत की सांस ली। लाल ने कहा, ‘डॉ. बाकर ने इसके बाद फोन करके अपने पहले के व्यवहार के लिए माफी मांगी।’
क्रोन्ये ने इसके बाद दक्षिण अफ्रीका सरकार द्वारा नियुक्त किंग आयोग के समक्ष कई आरोपों को स्वीकार किया जिसमें भारत के खिलाफ एक दिवसीय मैच के दौरान खराब प्रदर्शन करने के लिए हर्शल गिब्स और हेनरी विलियम्स को रिश्वत देने का प्रयास करना भी शामिल था।
उन्होंने साथ ही स्वीकार किया कि सट्टेबाजों की कुछ बातों को मानने के लिए उन्हें हजारों डॉलर मिले। सेंचुरियन में सट्टेबाजों की बात स्वीकार करने के लिए उन्हें छह हजार डॉलर और ‘लैदर जैकेट’ मिली थी। क्रोन्ये ने हालांकि कहा कि उन्होंने कभी जानबूझकर मैच नहीं गंवाया। उन्हें बाद में आजीवन प्रतिबंधित किया गया।
इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भी जांच और सुनवाई के बाद क्रमश: मोहम्मद अजहरूद्दीन और सलीम मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगाए।