जवानों के साथ अर्जुन कपूर ने जम कर लगाए ठुमके
जवानों के साथ अर्जुन कपूर ने जम कर लगाए ठुमके
जैसलमेर। फिल्म अभिनेता अर्जुन कपूर ने कहा कि मेरे में इतनी काबिलियत नहीं थी कि मैं सेना में शामिल हो पाता। वैसे हर बच्चे के समान मेरी भी ख्वाहिश थी कि एक बार इस यूनिफॉर्म को पहनूं। सेना का हिस्सा बनने के बाद इंसान की पूरी जिंदगी बदल जाती है। उनके लिए देश की रक्षा करना सबसे पहली दायित्व बन जाता है। रेगिस्तान में सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवानों का हौसला ब़ढाने जैसलमेर पहुंचे अर्जुन ने उनके साथ कई गीत भी गाए। वहीं हमेशा हाथों में गन थामने वाले जवानों ने अर्जुन के साथ जमकर ठुमके भी लगाए।थार के रेगिस्तान में विषम परिस्थितियों में सीमा पर तैनात जवानों का हौसला ब़ढाने और उनके साथ कुछ समय बिताने के लिए फिल्म अभिनेता कल शाम जैसलमेर पहुंचे। जैसलमेर में बीएसएफ परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने जवानों के साथ खुलकर अपने मन की बात की और जवानों के अनुभव को भी सुना। कई जवानों ने अर्जुन से फिल्मी दुनिया से जु़डे सवाल किए तो अर्जुन ने उनसे सीमा पर आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी ली। अर्जुन ने न केवल जवानों को गाने सुनाए बल्कि फिल्मी गीतों की धुन पर उनके साथ जमकर डांस किया। इस दौरान जवानों के परिजन भी मौजूद रहे।अपने अनुभव शेयर करते हुए अर्जुन ने कहा कि सेना की यूनिफॉर्म का क्रेज ही ऐसा होता है कि हर कोई इसे एक बार अवश्य पहनना चाहता है। प्रत्येक बच्चे के समान मेरी भी ख्वाहिश रही कि इसे पहनूं, लेकिन शायद मेरे में इतनी काबिलियत नहीं थी कि इसे पहन पाता। अन्यथा आज मैं भी यहां जवानों के बीच बैठा नजर आता। आप लोग तो इतने बरसों से देश की सेवा कर रहे हो। हमें तो फिल्मों में कभी कभार कुछ पल के लिए ऐसी यूनिफॉर्म पहनने को मिलती है। उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती होने का एक निर्णय इंसान की पूरी जिंदगी बदल देता है। अपने सुखचैन को भूलाकर उसके लिए देश की रक्षा करना सबसे पहला कर्तव्य बन जाता है।