कैग के सवाल

कैग के सवाल

केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद गंगा की सफाई को लेकर जोर शोर से घोषणाएं हुईं लेकिन सा़ढे तीन वर्ष बीतने के बाद गंगा की सफाई के काम में कितनी प्रगति हुई इस पर कैग रिपोर्ट में कई सवाल ख़डे किए गए हैं। गंगा की स्वच्छता और इसे २०१४ में चुनावी मुद्दा भले ब़डे जोर-शोर से बनाया गया लेकिन गंगा नदी के जो हालात वर्तमान में हैं, उससे लगता है इस पवित्र नदी के दिन फिरने वाले नहीं हैं। कैग ने मंगलवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ३१ मार्च, २०१७ तक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन २१३३ करो़ड रुपये खर्च ही नहीं कर पाया है। पिछले दो वर्षो में नमामि गंगे परियोजना के लिए आवंटित ६७०५ करो़ड रुपये में से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन महज १६६५.४१ करो़ड रुपये ही खर्च कर पाया। साल २०१५-१६ और २०१६-१७ के दौरान आवंटित राशि का २५ फीसद भी खर्च नहीं हो पाया। चिंता की बात है कि देश की ४० फीसद आबादी को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाली गंगा नदी की साफ-सफाई को लेकर सिर्फ योजनाएं ही बनीं और भारी-भरकम रकम आवंटित हुई। हकीकत में रत्ती भर भी काम नहीं हुआ। सिर्फ राशि को मनमाने तरीके से लूटने का काम हुआ। ठीक है केंद्र सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है और ईमानदारी को लेकर कटिबद्ध है मगर कोई सरकार अगर किसी योजना में भ्रष्टाचार होने से आशंकित होकर आवंटित रकम को वैसे ही रखे रहे तो फिर सरकार के इकबाल पर सवाल तो उठेंगे ही। शेष डे़ढ साल में मोदी सरकार क्या कुछ कर दिखाएगी, समझा जा सकता है।गौरतलब है कि लखनऊ की १०वीं कक्षा की ऐश्वर्य शर्मा नामक विद्यार्थी ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी, जिसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जो खुलासा किया गया है, उससे साफ है कि बहुप्रचारित ’’नमामि गंगे’’ कार्यक्रम ज्यादातर कागजों तक सीमित है। यही हाल पिछले ३० वर्षों के दौरान घोषित हुईं अन्य योजनाओं का रहा है। वहीं, कैग की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि हरिद्वार और ऋषिकेश को छो़डकर देश में किसी भी जगह पर गंगा जल स्नान योग्य नहीं है। यानी गंगा के पानी की गुणवत्ता मानदंडों पर खरी नहीं उतरी। और यही मसला ज्यादा चिंता भी पैदा करता है और हैरान भी। चुनांचे, प्रधानमंत्री को अपनी गंगा मां को लेकर ज्यादा संजीदा होने की जरूरत है। बुनियादी तौर-तरीके अपनाकर ही इस महती और वृहद योजना को परिणति तक पहुंचाया जा सकता है।

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