मोदी को तमिलनाडु दौरे पर दिखाए जाएंगे काले झंडे : स्टालिन

मोदी को तमिलनाडु दौरे पर दिखाए जाएंगे काले झंडे : स्टालिन

चेन्नई/दक्षिण भारतद्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि १२ अप्रैल को यहां डिफेंस एक्सपो के उदघाटन के लिए आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाये जायेंगे। सप्ताह भर तक चलने वाली कावेरी अधिकार पुनरुद्धार रैली के दूसरे दिन तंजावुर में किसानों को संबोधित कहते हुए स्टालिन ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिल रही है कि विपक्ष के प्रदर्शन को देखते हुए मोदी डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करने के लिए स़डक मार्ग की बजाय हवाई मार्ग से आवागमन कर सकते हैं, लेकिन चाहे जो भी हो, पूर्व घोषणा के अनुसार प्रधानमंत्री को काले झंडे अवश्य दिखाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत के निर्देश पर छह सप्ताह के भीतर कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) और कावेरी जल विनियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) का गठन न किए जाने की निंदा करते हुए मोदी की यात्रा के दिन लोगों को काले कप़डे पहनने चाहिए और घरों पर काले झंडे फहराए जाने चाहिए। उन्होंने कावेरी मुद्दे पर गत पांच अप्रैल को विपक्ष द्वारा आयोजित बंद को सफल बताया और कहा कि मामला दर्ज किए जाने के बावजूद वह सरकार के सामने नहीं झुकेंगे। उन्होंने जोर दिया कि अगर कावेरी मुद्दे पर उन्हें जेल जाना प़डे या जीवन भर जेल में रहना प़डे तो भी वह इसके लिए तैयार हैं। इस बीच द्रमुक ने कावेरी मुद्दे पर पट्टाली मक्कल कच्चि (पीएमके) के ११ अप्रैल को बंद के आह्वान का समर्थन किया है। पीएमके के संस्थापक नेता एस रामदास ने सभी दलों को बंद का समर्थन करने की अपील की है।स्टालिन ने कहा कि द्रमुक पीएमके द्वारा कावेरी प्रबंधन बोर्ड के समर्थन में ११ अप्रैल को बुलाए जाने वाले बंद का समर्थन करेगी इसके साथ ही वह अपनी सहयोगी पार्टियों से भी अनुरोध करेंगे कि इसका समर्थन करें। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी हो यदि वह कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियामक समिति की मांग करता है तो द्रमुक उसके साथ है। उन्होंने कहा कि सोमवार को अरियालूर से कावेरी अधिकार पुनरुद्धार रैली का दूसरा चरण प्रारंभ होगा।स्टालिन ने कहा कि कावेरी के मुद्दे पर द्रमुक राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों को अपने साथ लाने में सफल हुई है और सत्तारुढ अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) अलग-थलग हो चुकी है। उन्होंने कहा कि द्रमुक ने राज्य सरकार को भी कावेरी मुद्दे पर साथ लेने की कोशिश की लेकिन सरकार ने राज्य के हित वाले इस मुद्दे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और बोर्ड के गठन के लिए निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद इसने भूख ह़डताल कर लोगों को यह दिखाने की कोशिश की कि वह इस मुद्दे को लेकर काफी चिंतित है। स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार को अभी भी अपनी गलतियों को सुधारने का समय है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि वह सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई अवमानना याचिका को प्रभावी ढंग से न्यायालय के समक्ष रखने के लिए क्या कदम उठा रही है। द्रमुक नेता ने कहा कि द्रमुक राज्य सरकार को केन्द्र सरकार के कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन को लेकर ढीले रवैये के बारे में काफी पहले से आगाह कर रही थी लेकिन पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यही कारण रहा कि केन्द्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी बोर्ड का गठन नहीं किया।

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया
अस्पताल दिवस समारोह भी मनाया
कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का फैसला किया
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने कारगिल युद्ध विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई
एमयूडीए मामला: प्रह्लाद जोशी ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया, सीबीआई जांच की मांग की
भोजनालयों पर नाम प्रदर्शित करने संबंधी निर्देश पर योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में क्या दलील दी?
'विपक्षी दल के रूप में काम नहीं कर रही भाजपा, कुछ भी गलत या घोटाला नहीं हुआ'
कांग्रेस ने कारगिल के शहीदों को दी श्रद्धांजलि- 'देश सदैव उनका ऋणी रहेगा'